इस्लामाबाद: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अब अपने खात्मे के अंतिम पड़ाव में पहुंच रही है। मौजूदा स्थिति इतनी ज्यादा खराब है कि पाकिस्तान अब अपने सरकारी कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे पा रहा है। वित्त और राजस्व मंत्रालय ने महालेखाकार पाकिस्तान राजस्व (AGPR) को केंद्रीय और उनसे जुड़े विभागों के वेतन समेत बिलों को क्लियर करने से रोक दिया है। द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था कठिनाइयों का सामना कर रही है। इस कारण ऐसा फैसला लिया गया है।
रक्षा से जुड़े संस्थानों को दी जा चुकी है मंजूरी
बिलों की मंजूरी क्यों रोकी गई है, इसका कोई सटीक कारण नहीं पता लगा है। लेकिन इस कदम से पीछे पाकिस्तान के आर्थिक संकट को जिम्मेदार माना जा रहा है। वहीं दूसरी रिपोर्ट्स यह भी कहती है रक्षा से जुड़े संस्थानों के वेतन और पेंशन को अगले महीने के लिए पहले ही मंजूरी दे दी गई है। इशाक डार ने बुधवार को एक मीटिंग के दौरान कहा था कि, ‘सरकार अर्थव्यवस्था को स्थिरता और विकास की ओर ले जा रही है। सरकार IMF की शर्तों को पूरा करने में लगी है।’
सरकार ने बढ़ाए टैक्स
पाकिस्तान को IMF से 1.1 अरब डॉलर के कर्ज की उम्मीद है। लेकिन इस पैसे को पाने के लिए सख्त शर्तों को मानना होगा। शर्तों को मानते हुए पाकिस्तान ने कई तरह की सब्सिडी खत्म कर दिया है। सामान्य बिक्री कर को भी 17 फीसदी से बढ़ा कर 18 कर दिया गया है। वहीं, कारों और घरेलू उपकरणों से लेकर चॉकलेट और मेकअप के सामान पर आयात कर को 17 से बढ़ा कर 25 फीसदी कर दिया गया है।