गरीब देशों की बढ़ेगी कठिनाई
आईएमएफ की एमडी ने कहा कि ग्लोबल ग्रोथ रेट में गिरावट एक गंभीर झटका होगा, जिससे कम आय वाले देशों के लिए कठिनाई बढ़ जाएगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट पिछले साल 3.4 प्रतिशत रही थी।
बढ़ सकती है गरीबी और भुखमरी
जॉर्जीवा ने यह चेतावनी भी दी कि वैश्विक वृद्धि के सुस्त पड़ने से गरीबी और भुखमरी बढ़ सकती है, जो कोविड संकट के कारण पहले ही चुनौती बनी हुई है। उन्होंने इसे एक खतरनाक ट्रेंड बताया। उनकी यह टिप्पणी आईएमएफ और विश्व बैंक की वाशिंगटन में अगले सप्ताह होने वाली सालाना ‘वसंत बैठकों’ से पहले आई है।
इन दो बड़ी समस्याओं पर हो सकती है चर्चा
यह सालाना बैठक ऐसे समय में हो रही है जब दुनिया भर के सेंट्रल बैंक महंगाई पर काबू पाने के लिए प्रमुख ब्याज दरों को बढ़ा रहे हैं। साथ ही इस समय कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं में कर्ज संकट भी छाया हुआ है। पाकिस्तान भी इनमें से एक है। कर्ज के बोझ के चलते ये देश ग्रोथ नहीं कर पा रहे हैं।