गिरिडीह
तिसरी में रिश्ते हुए तार-तार, सौतेली मां ने मासूम बच्चों को जहर खिलाकर रिश्ते को किया शर्मसार। कहते हैं कि पुत्र कुपुत्र हो सकता है। लेकिन माता कुमाता नहीं हो सकती है। चाहें वो सौतेली मां ही क्यों ना हो। लेकिन तिसरी में रिश्ते को शर्मसार और दिल को दहला देने वाली घटना घटी है। सौतेली मां ने 3 बच्चों को खाने में जहर मिलाकर दे दिया। खाना खाते ही बच्चों की हालत बिगड़ गई। घटना गिरिडीह के तिसरी थानाक्षेत्र अंतर्गत गड़कुरा पंचायत के रोहनटांड़ की है। 1 बच्चे की मौत हो गई।
2 साल पहले पहली पत्नी की हुई थी मौत
बताया जाता है कि रोहनटांड़ गांव के निवासी सुनील सोरेन की पहली पत्नी शैलीन मरांडी की मौत 2 साल पहले सांप काटने से हो गई थी। उन दोनों से एक बेटी और 4 बेटा था। पहली पत्नी की मौत होने के बाद सुनील सोरेन ने सुनीता हांसदा के साथ शादी की थी। सुनीता से अभी कोई बच्चा नही है। लेकिन सुनीता गर्भवती है। शादी के बाद सुनील सोरेन दूसरी पत्नी सुनीता के साथ रोहनटांड़ स्थित अपने घर में रहते थे।
चिकन में जहर मिलाकर खिला दिया
दुर्गापूजा के पहले सुनीता हांसदा सभी बच्चों को दादा और दादी के भरोसे छोड़कर अपने पति सुनील के साथ गोरियाचु स्थित मायके चली गई थी। सूत्रों के अनुसार दुर्गापूजा के बाद सुनील सोरेन कमाने के लिए बेंगलुरु चले गए। इसी दौरान बुधवार को सुनील की दूसरी पत्नी सुनीता हांसदा अकेली रोहनटांड़ स्थित अपना ससुराल आई और साथ में जहर और मुर्गा भी ले आई। पिछले दो दिनों से दादा और दादी घर पर नहीं थे। इसी का फायदा उठाकर सुनीता रात में तीन सौतेले बेटों को साथ में रखी। गुरुवार की सुबह लगभग 10 बजे सुनीता ने चावल व मुर्गा बनाया और उसने सौतेले बेटे 3 वर्षीय अनिल सोरेन, 8 वर्षीय शंकर सोरेन और 12 वर्षीय विजय सोरेन को चावल और मुर्गा में जहर मिलाकर अपने हाथों से खिलाया। हालांकि, स्वाद अच्छा नहीं रहने के कारण विजय ने खाना नहीं खाया।
अनिल और शंकर मां के हाथ से खाना खाया। खाना खाने के कुछ ही देर बाद अनिल की तबीयत बिगड़ने लगी। इसके तुरंत बाद शंकर सोरेन की भी स्वास्थ्य बिगड़ने लगी। दोनों बच्चों की तबीयत बिगड़ते देख सुनीता हांसदा दोनों बच्चों को दादा,दादी के घर में सुला कर फरार हो गई।