मामला जनपद चित्रकूट के मऊ ब्लाक अंतर्गत ग्राम मनका के प्राथमिक विद्यालय सेकेंड का है जहाँ पत्रकार द्वारा शिक्षक संजीव कुमार केशरवानी कि विद्यालय देरी से आने कि शिकायत कि गयी थी जिसमे जांच अधिकारी ए बी एस ए मऊ द्वारा जांच करने विद्यालय करीब 12 बजे पहूच कर एक प्लान के तहत गांव कि कुछ भोली भाली जनता को गुमराह कर सादे कागज में दसखत करवा कर मनगढन्त रिपोर्ट शिक्षक के मनमाफिक बना कर पैसे का आरोप लगाकर शिक्षक को बचाने का कार्य किया गया है जो आज चर्चा का विषय बना हुआ हालाकि लगातार समाचार पत्रो व चेनल व ट्विटर के माध्यम से इस प्रकरण को जिले के अधिकारीयों तक पहूचाया जा रहा है फिर भी जिले के अधिकारी प्रकरण को सज्ञान में नहीं लेना यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है जबकी इस प्रकरण में करीब 6 रिपोर्ट लगाकर पोर्टल पर भेजा जा चुका है जोकि हर रिपोर्ट अलग अलग लगायी गयी है जिससे साबित होता है कि जांच अधिकारी ने शिक्षक को बचाने का पुरा प्रयास किया है लेकिन कहा गया है कि सच्चाई एक दिन सामने आती है वही हुआ है इस प्रकरण में जिला अधिकारी महोदय द्वारा एक संयुक्त टीम बनाकर जांच करवाई गयी जिसमे शिक्षक दोषी पाया गया लेकिन सबसे बडा सवाल दोषी पाये जाने के बाद भी शिक्षक को क्यूँ बचाया जा रहा है क्या पत्रकार के ऊपर फिर कोई बडा प्लान बनाकर बडा आरोप लगाने कि रणनीत तो नहीं तैयार कि जा रही है इसी लिये शिक्षक पर कार्यवाही नहीं कि जा रही है क्या आपको बता दे मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा शिक्षक के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दे दिये गये हैं अब देखना यह होगा कि शिक्षक पर जिले के जिलाअधिकारी महोदय क्या कुछ कार्यवाही करते हैं