नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की एक रिपोर्ट का हवाला देकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस का एक के बाद एक भ्रष्टाचार का मॉडल सामने आ रहा है। कभी नेशनल हेराल्ड, कभी दूसरा, कभी तीसरा। उन्होंने कहा कि अब एक विदेशी एजेंसी FATF की केस स्टडी में पाया गया है कि कैसे यूपीए सरकार में एक केंद्रीय मंत्री की ओर से प्रियंका गांधी की पेंटिंग को 2 करोड़ रुपये में खरीदने का दबाव बनाया गया।
उन्होंने कहा, ‘जांच से पता चला है कि पद्म भूषण पुरस्कार प्राप्त करने के लिए किकबैक का भुगतान करने के लिए एक भारतीय ‘बैंकर’ ने कांग्रेस के एक सदस्य के ‘करीबी रिश्तेदार’ भारी रिश्वत दी। उन्होंने इस पेंटिंग के बदले में 264,000 डॉलर दिए, जांच में पता चला कि ये पेंटिंग की कीमत से बहुत ज्यादा है। ये रकम पेंटिंग के लिए नहीं बल्कि पद्म भूषण पुरस्कार पाने के लिए रिश्वत थी। इस मामले में केस चल रहा है और बैंकर मार्च 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं।
अनुराग ठाकुर सोमवार को संस्था की रिपोर्ट आने के बाद प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार के करप्शन की कहानी केस स्टडी बनाकर पूरी दुनिया को बताई जा रही है, वो भी ऐसी संस्था की ओर से जो टेरर फंडिंग रोकने के लिए काम करती है। अनुराग ठाकुर ने प्रियंका गांधी का नाम लेते हुए कहा कि उनकी ओर से दबाव बनाया गया था? और अगर बनाया गया तो आखिर क्यों? उस पेंटिंग से आये 2 करोड़ रुपए किस पर खर्च हुए? उन्होंने सवाल किया कि क्या पैसे के बदले पद्मभूषण, क्या पेंटिंग के बदले पद्मभूषण ये कांग्रेस का भ्रष्टाचार मॉडल है? ईडी की चार्जशीट के अनुसार, राणा कपूर ने बताया कि उन्हें प्रियंका गांधी से 2 करोड़ रुपये में एक पेंटिंग खरीदने के लिए मजबूर किया गया था। यह पेंटिंग एमएफ हुसैन की थी।
हालांकि एफएटीएफ ने बैंकर या राजनेता की पहचान उजागर नहीं की। लेकिन बीजेपी ने बैंकर की पहचान यस बैंक के पूर्व प्रमुख राणा कपूर और राजनेता के रूप में कांग्रेस की प्रियंका गांधी के रूप में की और कांग्रेस पर देश को शर्मसार करने का आरोप लगाया। अनुराग ठाकुर ने कहा कि FATF की रिपोर्ट में यस बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर का जिक्र है, जिन्होंने प्रियंका गांधी से 2 करोड़ रुपये में पेंटिंग खरीदी। ठाकुर ने कहा कि देश को यह जानने की जरूरत है कि इस तरह से कितने पद्म पुरस्कार बिक चुके हैं।