यूपी लोक सेवा आयोग के बाहर प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. प्रतियोगी छात्र ‘वन डे-वन शिफ्ट’ में एग्जाम कराए जाने की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही प्रतियोगी छात्र नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का भी विरोध कर रहे हैं. रात होने के बावजूद हजारों की संख्या में प्रतियोगी छात्र आयोग के बाहर डटे हुए हैं.
रात के अंधेरे में मोबाइल की लाइट जलाकर कर रहे प्रदर्शन
अंधेरा होने की वजह से प्रतियोगी छात्र मोबाइल की लाइट जलाकर भी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. तो वहीं प्रतियोगी छात्र प्लास्टिक की खाली बोतलें पीट-पीट कर भी अनूठे अंदाज में अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. लोक सेवा आयोग के सामने सड़क और डिवाइडर पर बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्र और छात्राएं बैठे हुए हैं. विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं का कहना है कि बगैर आयोग से आश्वासन मिले वह अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त नहीं करेंगे. आयोग से बगैर कोई ठोस आश्वासन मिले वह अपने घर भी नहीं लौटेंगे.
क्या है छात्रों का आरोप?
प्रतियोगी छात्रों का आरोप है कि आयोग 41 जिलों में पीसीएस प्री 2024 आयोजित कर रहा है. जबकि इसे प्रदेश के सभी 75 जिलों में आयोजित किया जाना चाहिए. ताकि एक दिन में एक शिफ्ट में परीक्षा कराई जा सके. इससे आयोग को नॉर्मलाइजेशन की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. प्रतियोगी छात्रों की दलील है कि एक बार भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता है.
उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने एक फैसले में इस बात को कहा है. प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि जब तक आयोग से उन्हें लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता तब तक वह पीछे नहीं हटेंगे. फिलहाल आयोग के बाहर हजारों की संख्या में प्रतियोगी छात्र-छात्राएं अभी भी डटे हुए हैं.
विभिन्न जिलों और दिल्ली से आए प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राएं
बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्र-छात्राएं यूपी के विभिन्न जिलों और दिल्ली से आए हैं. यूपी लोक सेवा आयोग ने 7 और 8 दिसंबर को यूपीपीसीएस प्री 2024 कराना प्रस्तावित किया है. जबकि आरओ व एआरओ 2023 प्रारंभिक परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को करने का प्रस्ताव रखा गया है.
प्रतियोगी छात्र दोनों ही परीक्षाएं एक दिन एक शिफ्ट में कराए जाने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा नॉर्मलाइजेशन का भी विरोध कर रहे हैं. हालांकि आयोग की ओर से अभी तक प्रतियोगी छात्रों को कोई आश्वासन नहीं मिला है.
UPPSC की परीक्षाओं पर आयोग का बयान
छात्रों के प्रदर्शन के बाद आयोग ने बयान जारी करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं की शुचिता एवं छात्रों के भविष्य को संरक्षित करने के उद्देश्य से परीक्षाएं केवल उन केन्द्रों पर कराई जा रही है, जहां किसी प्रकार की कोई गड़बड़ियों की कोई सम्भावना नहीं है. पूर्व में दूर-दराज के परीक्षा केन्द्रों में कई प्रकार की गड़बड़ियां संज्ञान में आई हैं, जिससे योग्य छात्रों के भविष्य अनिश्चित्ता बन जाती है. इसे खत्म करने के लिए एवं संपूर्ण परीक्षा मेरिट के आधार पर संपन्न कराने के लिए इन केन्द्रों को हटाया गया है.
आयोग ने आगे कहा कि सरकार एवं आयोग की मंशा छात्र हितों को संरक्षित करना एवं मेरिट के आधार पर चयन सुनिश्चित करना है. चयन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी एवं छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की गई है. देश के अन्य प्रतिष्ठित आयोगों तथा संस्थानों द्वारा भी इसी प्रक्रिया का पालन किया जाता है. आयोग ने परीक्षा की शुचिता सुनिश्चित करने की महत्ता के दृष्टिगत अभ्यर्थियों के आग्रह पर ही दो पालियों में परीक्षा आयोजन का निर्णय लिया. अभ्यर्थियों को परीक्षा देने दूर न जाना पड़े, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. कतिपय अराजक तत्वों, अवैध कोचिंग संस्थानों, नकल माफिया द्वारा प्रतियोगी छात्रों को मिथ्या/भ्रामक जानकारी देकर बरगलाने का प्रयास किया जा रहा है. छात्रों को ऐसी सूचनाओं से सावधान रहना चाहिए.