वॉशिंगटन/बीजिंग : अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि चीन यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस को हथियार और गोला-बारूद देने पर विचार कर रहा है। ब्लिंकन ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि चीन कंपनियां पहले ही रूस को ‘गैर-घातक समर्थन’ मुहैया कर रहा है। नई जानकारी संकेत दे रही है कि बीजिंग मॉस्को को ‘घातक मदद’ भी दे सकता है। ब्लिंकन ने चेतावनी देते हुए कहा कि इस ‘मदद’ का मतलब चीन के लिए ‘गंभीर परिणाम’ होगा। हालांकि चीन ने इन खबरों का खंडन किया है कि ‘मॉस्को ने सैन्य उपकरणों की मांग की है’।
दोबारा नहीं आना चाहिए जासूसी गुब्बारा!
करीब दो हफ्ते पहले चीनी जासूसी गुब्बारे को अमेरिकी सीमा में मार गिराए जाने के बाद पहली बार दोनों देशों के शीर्ष राजनयिकों की आमने-सामने की मुलाकात हुई। ब्लिंकन ने ‘सीबीएस न्यूज’ को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मैंने उन्हें स्पष्ट कर दिया कि चीन की ओर से अमेरिका के क्षेत्र में जासूसी गुब्बारा भेजना हमारी संप्रभुता,अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है और यह दोबारा नहीं होना चाहिए।’
स्थगित हो गया था ब्लिंकन का चीन दौरा
उनके प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि ब्लिंकन ने चीनी राजनयिक से यह भी कहा कि उनके देश के ‘जासूसी गुब्बारा कार्यक्रम की पोल दुनिया के सामने खुल गई है, जिसने पांच महाद्वीपों और करीब 40 देशों में घुसपैठ की।’ गुब्बारे की घटना की वजह से ब्लिंकन ने बीजिंग यात्रा का कार्यक्रम स्थगित कर दिया था। वह पांच और छह फरवरी को चीन जाने वाले थे और अगर ऐसा होता तो वह पांच साल में पहले अमेरिकी विदेश मंत्री होते, जो चीन की यात्रा करते।
रूस की मदद से अमेरिका चिंतित
ब्लिंकन ने शनिवार को हुई बैठक में वांग के समक्ष रूस-यूक्रेन युद्ध का भी मुद्दा उठाया। ब्लिंकन ने कहा, ‘चीन की ओर से यूक्रेन युद्ध में रूस को दिए जा रहे घातक समर्थन को लेकर चिंता है। मैं उनके साथ साझा कर रहा हूं, क्योंकि राष्ट्रपति जो बाइडन ने इसे राष्ट्रपति शी जिनपिंग से साझा किया था कि हमारे रिश्तों पर इसके गंभीर प्रभाव हो सकते हैं।’ अमेरिकी विदेश मंत्री ने हमेशा राजनयिक संवाद और संवाद के रास्ते खुले रहने के महत्व को रेखांकित किया। दोनों नेता अगले महीने नई दिल्ली में जी-20 विदेश मंत्रियों की होने वाली बैठक में दोबारा मुलाकात कर सकते हैं।