नई दिल्ली: विराट कोहली और रवि शास्त्री के कप्तान-कोच युग खत्म होने के बाद पिछले डेढ़ साल के दौरान अगर सार्वजनिक तौर पर सबसे ज्यादा संवाद करता हुआ देखा गया है तो वो है कप्तान रोहित शर्मा। यह स्वाभाविक ही है, क्योंकि अगर आप तीनों फॉर्मेट में कप्तान हैं तो हर सीरीज से पहले और बाद में, हर मैच से पहले और बाद में आपको प्रेस से रूबरू होना पड़ता है। लेकिन, कोहली के दौर में शास्त्री प्रेस के सामने इतनी बार पेश नहीं होते थे, जितने कि मौजूदा कोच द्रविड़ आते हैं।
हमने लगभग 17-18 खिलाड़ियों को चुन लिया: राहुल द्रविड़
दरअसल, द्रविड़ ने चेन्नई में कहा, ‘मुझे लगता है कि अगर भविष्य के लिए देखा जाए तो हम अपनी जो टीम और खिलाड़ी चाहते हैं उसको लेकर साफ हैं। हमने लगभग 17-18 खिलाड़ियों को चुन लिया है। हमारे पास कुछ लड़के हैं, जो चोट से उबर रहे हैं और उनकी रिकवरी को देखते हुए फ्रेम में आ सकते हैं। हालांकि, देखना होगा कि कितना लंबा समय उन्हें वापसी में लगता है। लेकिन कुल मिलाकर हम सभी अच्छे स्पेस में हैं और हम इसको लेकर साफ हैं कि किस तरह की टीम चाहते हैं। उम्मीद है हम इन लोगों को खेलने के अधिक से अधिक मौके देने में सक्षम हैं, जो अब तक मौके मिलने के बाद भी अच्छा नहीं कर पाए हैं।’
अगर आपका नाम संजू सैमसन हो तो कोच के इस बयान से आपको मायूसी हाथ लगेगी। हाल के चयन को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि सैमसन वन-डे वर्ल्ड कप के लिए दूरगामी सोच का हिस्सा नहीं हैं। अगर आपका नाम जसप्रीत बुमराह, श्रेयस अय्यर या फिर सूर्यकुमार यादव भी हो तो शायद कोच के बयान से आपको काफी राहत मिल सकती है। पहले दो वनडे में सूर्या के शून्य पर आउट होने से द्रविड़ को कोई परवाह नहीं है।
द्रविड़ ने कहा, ‘सूर्यकुमार के बारे में अधिक चिंता की बात नहीं है। उन्होंने पहले दो वनडे में दो बेहतरीन पहली गेंद खेली थी। सूर्या के बारे में एक चीज यही है कि वह अभी 50 ओवर क्रिकेट सीख रहे हैं। टी20 मैच अलग होता है। वह करीब दस साल से आईपीएल खेले हैं और बहुत अधिक आईपीएल क्रिकेट, जो एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की ही तरह है। वह कई बड़े दबाव वाले टी20 मैच खेले हैं, लेकिन वनडे क्रिकेट में इस तरह का घरेलू टूर्नामेंट नहीं है। आपको विजय हजारे ट्रॉफी खेलनी पड़ेगी बस। वह काफी टी20 क्रिकेट खेले हैं लेकिन मुझे लगता है कि इतना वनडे क्रिकेट नहीं खेले हैं। हम बस उनको कुछ समय देना चाहते हैं। हमने उनका उभार वाला गेम देखा है जो टीम के लिए बहुत अच्छा है।’
संजू सैमसन के चाहने वाले शायद कोच द्रविड़ के इस तर्क से सहमत ना हों जहां एक खिलाड़ी को तमाम विफलता के बावजूद मौके मिल रहें है खुद को साबित करने के लिए जैसा कि के एल राहुल को टेस्ट क्रिकेट में मिलते हैं वहीं सैमसन जैसे खिलाड़ी को शानदार रिकॉर्ड के बावजूद वो मौके नहीं मिल पा रहें है जिससे वो कम से कम वर्ल्ड कप के लिए अपना दावा तक भी ठोक पाएं।
द्रविड़ ने ये भी कहा, ‘हमारे 15 से 16 खिलाड़ियों में कई कॉम्बिनेशन हैं जो हम इस्तेमाल करना चाहते हैं और इस पर काम कर रहे हैं। वनडे विश्व कप एक बड़ा टूर्नामेंट है। भारत के कई शहरों में खेला जाएगा और जहां 9 अलग परिस्थितियां हैं। ऐसे में आप अपनी टीम में लचीलापन चाहते हैं, जिसमें आप कई बार चार तेज गेंदबाज खिला सकें… कई बार तीन स्पिनर। इसी लचीलेपन को पाने के लिए हम कई विकल्प की ओर देख रहे हैं। इस बात से खुश हूं कि हमने सभी परिस्थतियों को कवर कर लिया है।’
हैरानी की बात है कि द्रविड़ लचीलेपन और विकल्प जैसे शब्दों का इस्तेमाल तो अपने बयान में कर रहे हैं लेकिन कई खिलाड़ियों के चयन की संभावनाओं को लेकर ये बात गले उतरते नहीं दिखती है।