नई दिल्ली: राज्यसभा ने सोमवार को रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित कर दिया. यह विधेयक भारत में रेलवे परिचालन को सुव्यवस्थित और आधुनिक बनाने का प्रयास करता है. बता दें कि, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को राज्यसभा में रेल संशोधन विधेयक 2024 पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया. विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई. पिछले साल 11 दिसंबर को इसे लोकसभा में पारित किया गया था.




राज्य सभा को संबोधित करते हुए, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने क्षेत्रीय कार्यालयों को सशक्त बनाने, दक्षता बढ़ाने और सहकारी संघवाद को मजबूत करने में विधेयक की भूमिका पर जोर दिया. रेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मंत्री ने चर्चा में भाग लेने वाले 25 सांसदों का आभार व्यक्त किया और उनके बहुमूल्य सुझावों और बहसों को स्वीकार किया.
वैष्णव ने स्पष्ट रूप से कहा कि विधेयक मौजूदा कानूनों को सरल बनाने के लिए बनाया गया है और यह राज्य सरकारों की शक्तियों को कम नहीं करता है. इसके बजाय, यह रेलवे क्षेत्रों में महाप्रबंधकों को 1,000 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं को मंजूरी देने का पूरा अधिकार देकर विकेंद्रीकरण को बढ़ावा देता है.
राज्यवार रेलवे विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने उन राज्यों में पर्याप्त बजट आवंटन का हवाला दिया, जहां सत्तारूढ़ दल सत्ता में नहीं है. केरल, तमिलनाडु, ओडिशा और पश्चिम बंगाल सभी को पिछले प्रशासनों की तुलना में काफी अधिक आवंटन प्राप्त हुआ है.
अपने भाषण में, मंत्री ने ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को दोहराया, रेलवे कर्मचारियों और हितधारकों से पिछले दशक में रखी गई मजबूत नींव पर निर्माण करने के लिए तीन गुना अधिक मेहनत करने का आग्रह किया. इस विधेयक का पारित होना भारत की रेलवे आधुनिकीकरण यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो भविष्य के लिए सुरक्षित, अधिक कुशल और यात्री-अनुकूल सेवाएं सुनिश्चित करता है.
रेलवे (संशोधन) विधेयक 2025 पर संक्षिप्त जानकारी
रेलवे बोर्ड की देखरेख में रेलवे अपने जोन, डिवीजनों और उत्पादन इकाइयों के माध्यम से कार्य करता है. रेलवे बोर्ड रेलवे संचालन के लिए सभी नीतिगत निर्णय भी लेता है. अब रेलवे बोर्ड का प्रावधान रेलवे अधिनियम, 1989 में शामिल कर लिया गया है. नए अधिनियम विधेयक से दो अधिनियमों का संदर्भ कम हो जाएगा. अब केवल एक अधिनियम का संदर्भ देने की आवश्यकता होगीय रेलवे बोर्ड, जोन, डिवीजन, उत्पादन इकाइयों आदि की प्रकृति, दायरा और कार्यप्रणाली वही रहेगी.
18वीं लोकसभा के प्रथम सत्र के अंतिम दिन 9 अगस्त, 2024 को लोकसभा में ‘रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश करने का प्रस्ताव रखा गया था. रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024 (2024 का विधेयक संख्या 113-सी) 11 दिसंबर, 2024 को लोकसभा में पारित हुआ. यह विधेयक 10 मार्च, 2025 को राज्य सभा की कार्यसूची में मद संख्या 10 के रूप में आया और रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2025 के रूप में पारित हुआ.
बुनियादी ढांचे का विकास
पिछले 11 वर्षों में, 34,000 किलोमीटर नई रेल पटरियां बिछाई गई हैं. 45 हजार किलोमीटर का विद्युतीकरण पूरा हो चुका है, जिससे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता में उल्लेखनीय कमी आई है, और 50 हजार किलोमीटर पुरानी पटरियों को नई, उच्च गुणवत्ता वाली रेलों से बदला गया है.
सुरक्षा संवर्द्धन
रेलवे सुरक्षा में निवेश पिछले प्रशासन के तहत 8 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1.14 लाख करोड़ रुपये हो गया है, रेल फ्रैक्चर में 91 प्रतिशत की कमी आई है, 2013-14 में 2,548 से घटकर अब तक केवल एक अंश रह गया है. SIL 4 प्रमाणन के साथ कवच सुरक्षा प्रणाली की शुरूआत, रेलवे संचालन में उच्च-स्तरीय सुरक्षा सुनिश्चित करती है, और रोजगार और क्षमता निर्माण करती है.
रोजगार सृजन
एनडीए सरकार के तहत 5,02,000 से अधिक नौकरियां प्रदान की गई हैं, जबकि UPA के समय यह संख्या 4,11,000 थी, बड़े पैमाने पर भर्ती परीक्षाएं पारदर्शी तरीके से आयोजित की गई हैं, जिसमें लाखों उम्मीदवार भाग ले रहे हैं.
यात्री सुविधाएं और आधुनिकीकरण
रेलवे के डिब्बों में लगभग 3,10,000 आधुनिक शौचालय स्थापित किए गए हैं, जिससे स्वच्छता मानकों में नाटकीय रूप से सुधार हुआ है. लोको पायलटों के लिए 558 रनिंग रूम अब पूरी तरह से वातानुकूलित हैं. अत्याधुनिक तकनीक और बेहतर कार्य स्थितियों के साथ नए इंजनों का निर्माण किया जा रहा है.
