रायपुर, 29 जनवरी 2023
साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित राज्य युवा महोत्सव के दूसरे दिन मंच पर छत्तीसगढ़ के लोक नर्तक दलों ने सुआ नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। 15 से 40 वर्ष आयु वर्ग में बलौदाबाजार, सक्ति, दंतेवाड़ा, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई और सूरजपुर के कलाकारों ने सुआ नृत्य प्रस्तुत कर ऐसा शमा बांधा की दर्शक झूम उठे। 15 से 40 वर्ष आयु वर्ग के बीच आयोजित इस नृत्य प्रतियोगिता में पहला स्थान खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, द्वितीय स्थान बलौदाबाजार एवं तीसरा स्थान सूरजपुर जिले के प्रतिभागियों को मिला।
सुआ नृत्य प्रतियोगिता में पहली प्रस्तुति रायपुर संभाग के बलौदाबाजार जिले से आए नृत्य दल द्वारा प्रस्तुत किया गया। दल की युवतियां सुआ नृत्य की पारंपरिक वेशभूषा से सज्जित, मोर पंख की कलगी एवं कौड़ी पटिया लगाकर सुआ नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। दूसरी प्रस्तुति बिलासपुर संभाग के सक्ति जिले से आए नृत्य दल द्वारा दिया गया। दल की युवतियों ने पारंपरिक वेशभूषा में श्रृंगार कर कौड़ी के करधन, सिक्का माला एवं रंग-बिरंगी कलगी लगाए हुए सुआ नृत्य की प्रस्तुति दी। तीसरा प्रस्तुति बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, चौथी प्रस्तुति दुर्ग संभाग के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, पांचवी एवं अंतिम प्रस्तुति सरगुजा संभाग के सूरजपुर जिले से आए नृत्य दल द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के संदेश के साथ सुआ नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी।
वहीं 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में बेमेतरा, कोंडागांव, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, धमतरी और जशपुर जिले के प्रतिभागियों ने शानदार सुआ नृत्य की प्रस्तुति दी। 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बीच आयोजित इस नृत्य प्रतियोगिता में पहला स्थान धमतरी, द्वितीय स्थान कोंडागांव एवं तीसरा स्थान बेमेतरा जिले के प्रतिभागियों को मिला। नृत्य प्रतियोगिता में पहली प्रस्तुति दुर्ग संभाग के बेमेतरा जिले के नृत्य दल ने दी। दल की महिलाएं हरे रंग की साड़ी एवं सुआ नृत्य की पारंपरिक वेशभूषा से सज्जित थे। सभी ने करधन, बहुंठा, कौड़ी पटिया, सिक्का माला से श्रृंगार किया हुआ था है। दूसरी प्रस्तुति बस्तर संभाग के कोंडागांव के प्रतिभागियों ने दिया। महिलाओं ने सुआ नृत्य के माध्यम से गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा का संदेश दिया। तीसरी प्रस्तुति में बिलासपुर संभाग के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के नृत्य दल ने पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य प्रस्तुत की। नृत्य प्रतियोगिता में चौथी प्रस्तुति रायपुर संभाग के धमतरी और पांचवीं और अंतिम प्रस्तुति सरगुजा संभाग के जशपुर जिले से आए नृत्य दल द्वारा दी गई।