लक्ष्मी साहू भाठागांव रायपुर से आई हैं। अपने संबोधन में बताया कि हम लोग घर घर जाते हैं। गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में एडमिट कराते हैं। छोटी छोटी बातों को बताते हैं जो गर्भवती माताओं के लिए उपयोगी होती हैं। टीकाकरण का ध्यान रखती हूं। बीपी की दवा कई लोग बीच में बंद कर देते हैं। उन्हें कहते हैं कि बीच में दवा मत छोड़ो, नहीं तो खतरा हो जाएगा। एक एक बारीकी का ध्यान रखते हैं।
लक्ष्मी ने कहा, अब मानदेय के निर्णय से हम लोग बहुत खुश हैं।
मुझे यकीन नहीं हुआ था कि यह हो सकता है। बहुत खुशी का क्षण था यह मेरे लिए। इसलिए हम सभी बहनें आभार के लिए जुटी हैं।