नासिक। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने आग्रह किया है कि शनिवार को यहां प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर में मुसलमानों द्वारा ‘धूप’ चढ़ाने की सदियों पुरानी परंपरा को तोड़ना सही नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई ठाकरे ने कहा, “यह सौ साल पुरानी प्रथा है… इसे तोड़ना सही नहीं है, परंपराओं को रोका नहीं जाना चाहिए…”
स्थानीय निवासी लें मामले में फैसला
इसके साथ ही, उन्होंने एक चेतावनी जारी की है। जिसमें लिखा गया है कि बाहरी लोगों को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और इस मामले में निर्णय स्थानीय निवासियों को लेना है।
फैसला स्थानीय ग्रामीणों को लेने दीजिए… क्या कोई इस पर दंगे चाहता है? इस कस्बे की दो दिवसीय यात्रा पर आते हुए उन्होंने कहा कि जब चीजें गलत होती हैं तो हमें जरूर बोलना चाहिए।
13-14 मई की रात हजरत पीर सैयद गुलाब शाहवाली बाबा दरगाह के वार्षिक उर्स में शामिल कुछ मुसलमानों को मंदिर के प्रवेश द्वार पर अगरबत्ती चढ़ाने से रोके जाने की घटना की निंदा करते हुए ठाकरे ने कहा कि इस तरह की पुरानी रस्म को खत्म नहीं किया जाना चाहिए और इस मामले को चर्चा के जरिए सुलझाया जाना चाहिए।
ठाकरे ने सोशल मीडिया पर भी उठाए सवाल
ठाकरे ने इस तरह की बातों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने, गलतफहमियां फैलाने के लिए सोशल मीडिया पर भी सवाल उठाए और कहा कि पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी चीजों को लेकर कोई हिंसा न हो।
उन्होंने कहा कि कई मंदिर और मस्जिदें या दरगाहें हैं जहां सदियों से हिंदू और मुसलमान जाते रहे हैं… मैं कितनी मस्जिदों में गया हूं और हमारे कई मुस्लिम भाई भी मंदिरों में आते हैं… लोग मिश्रित इलाकों में रहते हैं और बड़े होते हैं, लेकिन वहां कोई समस्या नहीं रही है।
शुक्रवार को, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, कार्यकारी अध्यक्ष एम. ए. नसीम खान और अन्य के साथ, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजय सक्सेना से मिले और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार “भड़काऊ, घृणास्पद भाषण” करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।