राजगढ़ सांसद रोडमल नागर कोरोना संक्रमित हो गए हैं। उन्होंने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। कॉन्टैक्ट में आए लोगों से जांच कराने को कहा। मध्यप्रदेश में सोमवार को 26 नए कोरोना पॉजिटिव मिले।एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 101 हो गई है। यह इस साल पहली बार है जब एक्टिव केस की संख्या 100 के पार गई है।
भोपाल से लगातार दूसरे दिन 10 से ज्यादा मरीज यानी 14 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। इंदौर से 5 नए मामले सामने आए हैं। प्रदेश में अलग – अलग सेंटर पर 1496 लोगों ने कोरोना सैंपल दिए थे। इससे पहले 2 अप्रैल को प्रदेश भर में कोरोना के 35 नए मरीज मिले थे। सबसे ज्यादा 27 मरीज भोपाल में मिले थे।
वैक्सीन के लगे सिर्फ 4 डोज
51 जिलों में 3 अप्रैल को वैक्सीन के सिर्फ 4 ही डोज लगे। यह 4 डोज भी सिर्फ भोपाल में ही लगे हैं। बाकी 51 जिलों में कहीं भी 3 अप्रैल को वैक्सीन नहीं लगी। जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में अभी तक प्रदेश में 13,39,37,262 वैक्सीन के डोज लग चुके हैं वहीं भोपाल में इसकी संख्या 49,36,361 है।
3 अप्रैल को कहां – कितने पॉजिटिव मिले
एक नजर
- अब तक कुल पॉजेटिव केस 6,10,55,173 ।
- अभी तक प्रदेश में 10,777 लोग कोरोना से जान गंवा चुके हैं।
- 10,44,295 लोग अभी तक कोरोना के बाद स्वस्थ हो चुके हैं।
11 अप्रैल को देनी होगी स्वास्थ संस्थाओं को मॉक ड्रिल की रिपोर्ट
कोविड-19 के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा अप्रैल माह में पेन इंडिया मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रदेश की सभी स्वास्थ संस्थाओं की सुविधाओं को लेकर मॉक ड्रिल की जाएगी। यह मॉक ड्रिल 10-11 अप्रैल को होगी। मॉक ड्रिल की रिपोर्ट कोविड -19 इंडिया पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। इस दौरान जिलों को आवश्यक मापदंडो पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है। इसमें अस्पतालों में बिस्तर क्षमता, आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन युक्त आइसोलेशन बेड, आईसीयू और वेंटीलेटर सहित बेड की नियत संख्या की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। सभी स्वास्थ्य संस्था मॉकड्रिल का डाटा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला सर्विलेंस अधिकारी से समन्वय कर 11 अप्रैल को शाम तक रिपोर्ट कोविड-19 इण्डिया पोर्टल पर अपलोड करेंगे।
नहीं हो रहे जीनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट
दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट भी नहीं हो रहे हैं। करीब साल भर पहले संचालक लोक स्वास्थ्य ने प्रदेश के सभी कलेक्टर, सभी मेडिकल कॉलेज के डीन, CMHO, सिविल सर्जन को निर्देश दिया है। कहा है कि वे अपने यहां कोविड की RT-PCR टेस्ट में पॉजिटिव आने वाले संक्रमितों की अनिवार्य रूप से जीनोम सिक्वेसिंग के लिए सैंपल भिजवाए। बता दें कि जीनोम सिक्वेंसिंग एक तरह से किसी वायरस का बायोडेटा होता है। कोई वायरस कैसा है, किस तरह का दिखता है। इसकी जानकारी जीनोम से मिलती है। इससे ही कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन का पता चलता है। कोरोना के नए स्ट्रेन को वैज्ञानिक भाषा में जेनेटिक वैरिएंट कहते हैं। हर वैरिएंट आकार, व्यवहार और नुकसान पहुंचाने की ताकत भी अलग-अलग होती है।