महंत योगेशपुरी और मठ प्रशासक हरिहरपुरी ने दिया लोगों को रामलीला व रामबारात का निमंत्रण
भारत की संस्कृति की झलक गांव में देखने को मिलती है। गांव की माटी से सनातन संस्कारों का संदेश देते हुए श्रीमनः कामेश्वर रामलीला का आयोजन 3 से 13 अक्टूबर तक किया जाएगा। मंगलवार को आयोजन के आमंत्रण पत्र का विमोचन श्रीमनः कामेश्वर मंदिर, रावत पाड़ा पर मंदिर महंत योगेश पुरी, मठ प्रशासक हरिहर पुरी द्वारा किया गया। साथ ही आगरावासियों को रामलीला मंचन एवं राम बारात में सहभागी बनने का निमंत्रण भी दिया गया।
मंदिर महंत योगेश पुरी ने बताया कि 3 अक्टूबर से श्रीमनः कामेश्वर गौशाला, दिगनेर में श्रीदुर्गा सप्तशति का पाठ एवं यज्ञ के साथ महोत्सव का शुभारंभ होगा। श्रीमनः कामेश्वर राम लीला मंचन श्रीमनः कामेश्वर बाल विद्यालय, गढ़ी इश्वरा, दिगनेर में किया जाएगा। दस दिनों तक वैदिक हवन एवं पाठ किशाेरी लीला संस्थान, मथुरा और मध्य प्रदेश से तीन आचार्यों द्वारा किया जाएगा। वृंदावन के कलाकार श्रीराम की पावन गाथा का मंचन करेंगे, जिसे देखने के लिए ग्रामीणों के साथ शहरवासी भी उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि शहर की भागदौड़ और आधुनिकता से दूर ग्रामीण अंचल में भारत की मूल संस्कृति छुपी है। सनातन के संस्कार आज भी अपना अस्तित्व बनाए हुए हैं। अपने प्रभु राम के आगमन के लिए बिना किसी सुविधा के बावजूद स्थानीय लोगों में विशेष उत्साह है।
मंदिर मठ प्रशासक हरिहर पुरी ने बताया कि 8 अक्टूबर को पूरे क्षेत्र में राम बरात निकाली जाएगी। आस पास के क्षेत्रों को बरात में निकलने वाली झांकियों की जिम्मेदारियां दी गयी हैं। लोग स्वयं उत्साहित होकर अपने घर− द्वारों को अभी से ही सुसज्जित करने लगे हैं। राम बरात के दिन घरों में महिलाएं विशेष पकवान और द्वारों पर रंगोली बनाएंगी। 13 अक्टूबर को दशहरा पर्व पर दुर्गाशप्तसति पाठ की पूर्णाहुति व ब्राह्मण भोज के साथ समापन होगा। आयोजन के लिए बाल विद्यालय के मैदान को सजाया जा रहा है। बाबा मनः कामेश्वरनाथ रामलीला महोत्सव का लाइव लाइव प्रसारण देश− विदेश में सोशल मीडिया के माध्यम से किया जाएगा। साथ ही शहर में भी विभिन्न स्थानों पर एलइडी के माध्यम से प्रसारण की व्यवस्था रहेगी। उन्होंने बताया कि सनातन संस्कृति से युवा पीढ़ी भी जुड़ सके इसके लिए आमंत्रण पत्र में रामलीला के बारे में अंग्रेजी भाषा में वृतांत लिखा गया है।