राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और निपुण भारत अभियान के लक्ष्यों की पूर्ति हेतु मध्यप्रदेश में कक्षा तीसरी तक के विद्यार्थियों में मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान के लिए संचालित मिशन अंकुर के तहत शिक्षकों का व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। उल्लेखनीय है कि नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2022 में भी सीखने के बेहतर परिणामों के लिए खेल आधारित और अनुभवात्मक शिक्षण-अध्यापन पर विशेष बल दिया गया है। इसी दिशा में मिशन अंकुर में अभिनव शिक्षण विधियां निर्धारित की गई हैं।
संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र श्री धनराजू एस ने बताया कि राष्ट्रीय निपुण भारत अभियान में मध्यप्रदेश में मिशन अंकुर की परिकल्पना 2020 में की गई थी। यह मिशन स्कूल शिक्षा विभाग की गुणवत्ता और सक्रियता को दर्शाता है। मिशन अंकुर में राज्य ने कक्षा 1 से 3 के विद्यार्थियों में मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान और सीखने के परिणामों में सुधार के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया है। इसी कड़ी में नवीन शिक्षण पद्धतियों में शिक्षक क्षमता निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विगत अप्रैल से जून 2022 के मध्य मिशन अंकुर से जुड़े सभी प्राथमिक शिक्षकों के लिए 5 दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया जा चुका है। इसमें लगभग 90 हजार शिक्षकों को मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान की अवधारणाओं और बेहतर कक्षा शिक्षण के लिए तैयार की गई विशेष शिक्षण विधियों में प्रशिक्षित किया गया था। प्रशिक्षण से कक्षाओं में इन विधियों का बेहतर उपयोग हुआ। सतत प्रशिक्षण के तहत मूलभूत साक्षरता और संख्याज्ञान शिक्षण विधियों को और सशक्त करने और मिशन अंकुर में गुणवत्तापूर्ण कक्षा शिक्षण के संकल्प को मजबूत करने के लिए 3 दिवसीय रिफ्रेशर प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें मास्टर ट्रेनर्स के राज्य स्तरीय प्रशिक्षण में लगभग 1500 जिला मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित किया गया है। ये मास्टर ट्रेनर्स, 30 जनवरी से 22 फरवरी 2023 के बीच विकासखंड स्तर पर प्राथमिक शिक्षकों के लिए 5 दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किये जायेंगे।
मिशन अंकुर प्रशिक्षण के मुख्य बिंदु :
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कम्युनिकेशन लॉस से बचने के लिए मास्टर ट्रेनर्स का राज्य स्तर पर और शिक्षकों को विकासखंड पर प्रशिक्षण। वृहद स्तर पर प्रशिक्षण का आयोजन एक उपलब्धि है।
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मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान की अवधारणाओं और बेहतर कक्षा शिक्षण के लिए विशेष शिक्षण विधियों के अधार पर तैयार प्रशिक्षण सामग्री।
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प्रशिक्षण के प्रबंधन और पर्यवेक्षण के लिए आईटी प्रणाली का उपयोग।
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अभिनव शिक्षण विधियों को अपनाकर मिशन अंकुर का समर्थन करने के लिए शिक्षकों को प्रेरित करने पर प्रशिक्षण का ध्यान।
मिशन अंकुर में शिक्षकों की क्षमता निर्माण के लिए एक मिश्रित मोड अपनाया जा रहा है। शिक्षकों के बीच स्व-शिक्षण का समर्थन करने के लिए डिजिटल पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं । कक्षा अभ्यासों के लिए डेमो वीडियो भी शिक्षकों के साथ साझा किए जाते हैं ताकि उन्हें नई शिक्षण पद्धति अपनाने में सहायता मिल सके।
मिशन अंकुर के तहत 2027 तक शासकीय विद्यालयों में गुणवत्ता पूर्ण मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान के लिए प्रशिक्षित शिक्षक समूह तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित है, जिसके लिए अगले 4 वर्षों में हर वर्ष व्यक्तिगत शिक्षक प्रशिक्षण के 2 चरण आयोजित किए किये जायेंगे। ये प्रशिक्षित शिक्षक गण मिशन अंकुर के ध्येय अनुसार कक्षा तीसरी तक के बच्चों को पढ़ने – लिखने और गणित के साधारण सवालों को हल करने में निपुण बनाने में अपनी महती भूमिका निभायेंगे।