नई दिल्ली: खाने-पीने की चीजें की कीमतें कम होने से मार्च महीने में रिटेल महंगाई दर घटकर 15 माह के निचले स्तर 5.66% पर आ गई। फरवरी में महंगाई दर 6.44% रही थी, वहीं जनवरी महीने में यह 6.52% रही थी। पिछले साल मार्च में रिटेल महंगाई दर 6.95% थी। खास बात यह है कि मार्च में रिटेल महंगाई दर RBI के संतोषजनक स्तर की ऊपरी सीमा छह फीसदी के भीतर है। रिजर्व बैंक पर रिटेल महंगाई दर को दो से छह फीसदी के बीच रखने की जिम्मेदारी बनी हुई है। इससे पहले रिटेल महंगाई दर छह फीसदी के नीचे नवंबर-2022 में 5.88 फीसदी और दिसंबर -2022 में 5.72 फीसदी पर आई थी। दरअसल आरबीआई के लक्ष्य रिटेल महंगाई दर को 6 फीसदी के दायरे में रखना है। अगर रिटेल महंगाई दर में नरमी जारी रहती है तो आरबीआई एक बार फिर से रेपो रेट में बदलाव नहीं कर आपको रहात दे सकता है। यानी जो डर सता रहा है कि आने वाले दिनों में फिर से लोन महंगा हो सकता है, उसमें थोड़ी राहत मिलेगी।
खाद्य चीजें हुई सस्ती
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार खाने-पीने की चीजें सस्ती हुई है। खाद्य चीजों की रिटेल महंगाई दर मार्च-23 में घटकर 4.79% पर आ गई है। फरवरी में यह 5.95% थी। बिजली और ईंधन की महंगाई भी घटी है। बिजली और ईंधन की महंगाई 9.90% से घटकर 8.91% पर आ गई है।
महंगाई पर लक्ष्य
RBI ने वित्त वर्ष 2023-24 में रिटेल महंगाई दर के 5.2 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है। मिलवुड केन इंटरनैशनल के CEO निश भट्ट का कहना है कि जिस तरह से मार्च में रिटेल महंगाई दर में कमी आई है, उससे लग रहा है कि आगे भी यही रुख जारी रह सकता है। सब्जियों की कीमतों में नरमी का रुख है। ऐसे में रिटेल महंगाई दर RBI के अनुमान के मुताबिक सीमित दायरे में सिमट सकती है।