ऑफिस में अक्सर लोग बुलिइंग होने की शिकायत करते हैं। कभी-कभी तो वे ऐसा कदम उठा लेते हैं जिसका खामियाजा बाकी लोगों को भी भुगतना पड़ता है। ब्रिटेन की नॉटिंघम यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध में ऐसा ही चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
शोध के मुताबिक बुलिइंग के शिकार लोग षड्यंत्र पर ज्यादा विश्वास करते हैं। वे कई बार जानबूझकर ऑफिस में ऐसा माहौल बनाते हैं जिससे बुलिइंग करने वालों को परेशानी हो। उनके खिलाफ साजिश भी करते हैं।
ब्रिटेन की नॉटिंघम यूनिवर्सिटी और फ्रांस की नैनटेरे यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने ऑफिस बुलिइंग से जुड़े मनोवैज्ञानिक कारणों पर स्टडी की। इसमें उन्होंने पाया कि ऑफिस में 75% लोग बुलिइंग के शिकार होते हैं। वे अवसादी भावनाओं से ग्रसित हो जाते हैं।
बुलिइंग के पीड़ित लोग सदमें में आ जाते हैं
प्रमुख
शोधकर्ता डैनियल जोली ने कहा, बुलिइंग के अनुभव पीड़ित को कई तरह से
प्रभावित कर सकते हैं। कई बार इसके गंभीर परिणाम भी सामने आते हैं। ऑफिस
में अफवाह फैलते हैं, लोग एक दूसरे के खिलाफ गॉसिप करते हैं।
कई बार सदमे में आकर लोग नौकरी छोड़ देते है और बेरोजगारी हो जाते हैं। इसका अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं की कुछ लोगों को ऑफिस में छह माह तक बुलिइंग और कुछ को अच्छे माहौल में रखा। उन्होंने पाया कि बुलिइंग के शिकार लोगों में गलत भावनाओं की रिपोर्ट करने की संभावना अधिक थी। शोधकर्ताओं ने कहा कि ये भावनाएं साजिश पर विश्वास करने का समर्थन करती हैं।
ऑफिस का माहौल खराब होता है, प्रोडक्टिविटी गिरती है
ऑफिस
में बुलिइंग होने से माहौल खराब होता है। इसका असर बुलिइंग के शिकार लोगों
पर पड़ता है। उनकी प्रोडक्टिविटी कम होती है। वे अवसाद में रहते हैं और कम
क्रिएटिव होते जाते हैं। लिहाजा, शोध का मकसद इस तरह की गतिविधियों को कम
करना है।