गुवाहाटी: भारत-श्रीलंका के बीच बीती रात खेले गए पहले वनडे मेंं रोहित शर्मा ने खेल भावना का जबरदस्त परिचय दिया। हिटमैन ने श्रीलंका के कप्तान दासुन शनाका के खिलाफ रन आउट की अपील वापस ले ली क्योंकि शनाका अपने शतक से सिर्फ 2 रन दूर थे। शमी ने आखिरी ओवर की तीसरी गेंद के बाद गेंदबाजी छोर पर गेंद फेंकने से पहले आगे निकलने पर श्रीलंकाई टीम को रन आउट कर दिया था, लेकिन रोहित ने अपील वापस ले ली। आज भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने जरूर दरियादिली दिखाई, लेकिन 13 साल पहले इसी श्रीलंकाई टीम ने वीरेंद्र सहवाग के साथ घटिया हरकत की थी।
13 साल पहले हुआ क्या था?
साल 2010 में भारतीय टीम त्रिकोणीय सीरीज खेलने श्रीलंका गई थी। तीसरी टीम न्यूजीलैंड थी। दाम्बुला में खेले गए एक वनडे में श्रीलंका सिर्फ 170 रन पर सिमट गया। जवाब में विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने भारत को ताबड़तोड़ शुरुआत दिलाई। 35वें ओवर की शुरुआत में जीत के लिए 5 रन चाहिए थे और वीरू अपने शतक से सिर्फ 1 रन दूर थे। पहली ही गेंद पर बाई के अतिरिक्त 4 रन चले गए। अगली दो गेंदों पर वीरू ने कुछ नहीं किया, लेकिन चौथी गेंद को कदमों के इस्तेमाल से गेंद छक्के के लिए बाउंड्री पार भेज दी। खुशी में अपनी बाहें फैलाकर शतक और जीत की खुशी मनाने लगे। मगर अंपायर ने पहले ही फ्रंट-फुट नो-बॉल का संकेत दे दिया था, जिसकी वजह से सहवाग 99 पर नॉटआउट लौटे।
ऐसी व्यापक अटकलें थीं कि सबकुछ जानबूझकर प्लॉट किया गया था। सामने आईं रिपोर्ट्स में कहा गया था कि श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा को कथित तौर पर स्टंप माइक पर सिंहली में यह कहते हुए सुना गया कि, ‘यदि वह गेंद को हिट करता है, तो उसे रन मिलता है’। साजिश में दिलशान भी थे, जिन्होंने रणदीव को जानबूझकर नो बॉल फेंकने की सलाह दी थी। श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने बाद में कार्रवाई करते हुए सूरज रणदीव पर एक मैच का बैन लगाया था जबकि तिलकरत्ने दिलशान पर जुर्माना ठोका गया था।
कौन हैं सूरज रणदीव
सूरज रणदीव ने श्रीलंका के लिए साल 2009 में डेब्यू किया था। वह 2011 वर्ल्ड कप में श्रीलंका स्क्वॉड का हिस्सा थे। 2012 में आईपीएल टीम चेन्नई सुपरकिंग्स में भी खेल चुके हैं। बीते दिनों खबर आई थी कि यह क्रिकेटर ऑस्ट्रेलिया में बस चला रहा है। सूरज रणदीव ने श्रीलंका के लिए 12 टेस्ट, 31 वनडे और 7 T20 इंटरनेशनल और 149 प्रथम श्रेणी मुकाबले खेले हैं।