नई दिल्ली: रोहित शर्मा टीम इंडिया के कप्तान हैं और उसके साथ ही उस इंडियन प्रीमियर लीग की फ्रेंचाइजी के कप्तान हैं, जिसका हिस्सा ईशान किशन हैं। ईशान किशन गजब के फॉर्म में भी हैं और उनके अपने साथी भी हैं। लेफ्ट-राइट का शानदार कॉम्बिनेशन भी बन रहा है। जब सब कुछ उम्मीद और रिक्वायरमेंट के अनुसार है तो सवाल यह है कि उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर रखने को रोहित शर्मा आखिर तैयार कैसे हो गए? क्या वह और टीम मैनेजमेंट वाकई शुभमन गिल को मौका देना चाहते हैं या बात कुछ और ही है।
शुभमन गिल को मौका देने के पीछे छिपा है बड़ा राज
रोहित शर्मा के बयान पर जाएं तो उसका अर्थ साफ है कि शुभमन गिल ने अच्छा किया है और कप्तान उन्हें मौका देना चाहते हैं। इसमें कोई शक भी नहीं है, लेकिन क्या वाकई यह इतना साफ और सरल है, जितना दिखाई देता है? एक नजर में तो हां, लेकिन दूसरे नजरिए से देखेंगे तो यह वैसा नहीं है। ईशान किशन को बाहर रखने से शुभमन गिल को ओपनिंग में मौका मिला जाएगा और एक बात होगी, जो रोहित नहीं कह सके।
केएल राहुल को मिलेगा सीधा फायदा
हालांकि, रोहित के इस बयान से सारा मामला ही उल्टा हो गया। पहला सूर्यकुमार यादव प्लेइंग इलेवन का हिस्सा होंगे, जबकि केएल राहुल भी बाहर नहीं होंगे। दूसरी ओर, ईशान किशन के बाहर होने से ही यह सारा समीकरण बैठ सकता है, क्योंकि शुभमन गिल तो विकेटकीपिंग करेंगे नहीं। इस फैसले से विकेटकीपर भी मिल गया और टीम भी सेट हो गई। यानी केएल राहुल को प्लेइंग इलेवन से बाहर नहीं रखा जाएगा।
अगर इस गणित को समझना है तो रिकॉर्ड की मदद भी ले सकते हैं। दरअसल, ईशान किशन और शुभमन गिल की तुलना में केएल राहुल का हालत बेहद खराब है। ईशान और गिल ने तो हर मौके पर खुद को साबित किया है, लेकिन हाल ही में उपकप्तानी गंवाने वाले केएल राहुल इस मामले में काफी पीछे हैं। केएल राहुल पिछले वर्ष उनके बल्ले से 10 मैचों में सिर्फ 251 रन ही निकले थे, जबकि औसत बेहद मामूली 27.88 का रहा था।