रायपुर के कुशाभाऊ विश्वविद्यालय में छात्रा के साथ हुई छेड़खानी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब इस मामले में विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने भी मोर्चा खोल दिया है। स्टूडेंट्स ने सोमवार दोपहर विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।
स्टूडेंट्स ने कुलसचिव आनंद शंकर बहादुर को ज्ञापन दिया है। जिसके बाद कुलसचिव ने कहा कि जांच के लिए समिति बना दी गई है। जांच समिति के निर्णय आने के बाद इस पर कोई फैसला किया जाएगा। वहीं प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
छात्राओं ने कहा हम डरे हुए है, प्रोफेसर के निलंबन की मांग
कुशाभाऊ विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्र-छात्राओं की मांग है कि आरोपी एसोसिएट प्रोफेसर शैलेंद्र खंडेलवाल को विश्वविद्यालय निलंबित करें। उनका कहना है कि इस प्रोफेसर ने गुरु-शिष्य के रिश्ते को बदनाम किया है। जिसके बाद कॉलेज की छात्राओं में डर है कि भविष्य में कहीं उनके साथ भी वैसा ही कुछ गलत न हो।
उनका कहना है कि देश के कई और विश्वविद्यालय में इस तरह की घटनाओं में आरोपी व्यक्ति के खिलाफ तत्काल और कठोर एक्शन लिया गया है। जानकारी मिली है कि प्रोफेसर ने पीड़ित छात्रा को धमकाते हुए कहा है कि अगर वह किसी को कुछ कहेगी तो उसका कैरियर बर्बाद कर देगा और उसे परीक्षा में फेल कर दिया जायेगा
मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन गंभीर नहीं
कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ का एकमात्र पत्रकारिता का विश्वविद्यालय हैं। इस सरकारी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर पर छात्रा से छेड़छाड़ के आरोप लगे हैं। इस घटना के बाद से स्टूडेंट्स काफी गुस्से में हैं। FIR में प्रोफेसर के खिलाफ कई गंभीर IPC की धारा लगी हुई है। उसके बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब तक आरोपी के खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की है, न ही उसे निलंबित (सस्पेंड) किया गया है। बल्कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन मामले को दबाने के प्रयास में लगा हुआ है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने प्रोफेसर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है।