रायगढ़ । बगीचा विकास खण्ड में हुई घटना से आदिवासी समाज व्यथित है। संत गहिरा गुरू के सूपुत्र आदिवासी नेता जिला पंचायत सदस्य गेंदबिहारी सिंह के साथ एसडीओपी शेर बहादुर सिंह एंव उनके कर्मचारियों द्वारा जो बर्वरतापूर्ण पुलिसिया कार्यवाही मारपीट की गई वह अछम्य है।
इस संदर्भ में रायगढ़ के पूर्व विधायक विजय अग्रवाल ने घोर निंदा की है और कहा है कि जिस तरह सार्वजनिक रूप से बर्वरता पूर्वक मारपीट की है, इसकी जितनी भी भर्त्सना की जाए वह कम है। उन्होने मामले में दोषियों पर एक्ट्रोसिटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की है। जिन जिला पंचायत सदस्य के साथ मारपीट की गयी है, वह संत गहिरा गुरू के पुत्र हैं।
जशपुर, रायगढ़ सरगुजा इस पूरे आदिवासी बाहुल्य इलाके में संत गहिरा गुरू के लाखों शिष्य हैं। वहीं चुने हुए एक आदिवासी नेता पर कांग्रेस राज में पुलिस की यह बर्वरता बताती है कि आदिवासी समाज के प्रति कांग्रेस की सहिष्णुता शुन्य हो गई है और इसी कारण क्षेत्र की आदिवासी जनता में कांग्रेस के प्रति आक्रोश है। न सिर्फ आदिवासी बल्कि समाज का हर वर्ग पुलिस के इस कृत्य की घोर निंदा करता है।
पूर्व विधायक विजय अग्रवाल ने इस मामले में कहा कि प्रदेश के कांग्रेस सरकार में आतंक और अराजकता का राज चल रहा है। एक चुने हुए जनप्रतिनिधि के खिलाफ ऐसा असभ्य आचरण करना और उन्हें सरेआम पिटवाना पुलिस गुण्डागर्दी है।
उन्होने कहा कि जिस प्रदेश में गृह विभाग के संसदीय सचिव के सगे भाई तक सुरक्षित नहीं, यदि उन्हे पुलिस अधिकारियों के हाथों इस तरह सरेआम पीटा जा रहा है तो प्रदेश की जनता के बारे में कल्पना की जा सकती है कि वह किस आतंक के खौफ तले जी रही है। गहिरा गुरू समुचे छत्तीसगढ़ में पूज्य हैं, स्वयं चिंतामणी महाराज प्रतिष्ठित आध्यात्मिक व्यक्तित्व के हैं। उनके भाई के साथ हुई इस बदसलूकी की जितनी भर्त्सना जाए वह कम है। उन्होने दोषी पुलिस वालों पर एक्ट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्यवाही की मांग की है।