पिछले कुछ दिनों में टमाटर के दाम आसमान छूने लगे हैं. बिन मौसम बरसात के चलते टमाटर की फसलों को नुकसान हुआ. साथ ही मार्केट में उसकी आवक भी कम हो गई. इसके चलते टमाटर के दाम 100 रुपये किलो का आंकड़ा छूने लगे थे. इस स्थिति को संभालने के लिए सरकार ने 65 रुपये किलो टमाटर बेचने का फैसला किया है. इसे नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (NCCF), नाफेड (NAFED) और सफल (Safal) के रिटेल आउटलेट के जरिए दिल्ली और आसपास के इलाकों में बेचा जाएगा. इसके अलावा मोबाइल वैन के जरिए भी टमाटर की बिक्री की जाएगी.
बरसात के चलते टमाटर की फसल को नुकसान
पिछले कुछ दिनों में टमाटर समेत कई सब्जियों के दाम ऊपर गए हैं. महाराष्ट्र समेत कई इलाकों में बरसात के चलते टमाटर की फसल को नुकसान हुआ है. सरकार के अनुसार, अक्टूबर में टमाटर की कीमतें 39 फीसदी बढ़ी हैं. पिछले महीने औसत कीमत 44 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 62 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है. सरकारी डेटा के अनुसार, होलसेल मार्केट में टमाटर के दाम 3562 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 5045 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं.
वेज थाली की कीमत में आया उछाल
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (Crisil) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वेज थाली (Veg Thali) के दामों में भी जबरदस्त उछाल आया है. वेज थाली के दाम 11 फीसदी बढ़े हैं. इनमें सबसे बड़ा योगदान सब्जियों की कीमत का है. हालांकि, नॉन वेज थाली के रेट 2 फीसदी नीचे गए हैं. इससे पहले भी टमाटर के दाम बढ़ने पर सरकार ने इसी तरह से सेल शुरू की थी. उस दौरान टमाटर की बिक्री 60 रुपये प्रति किलो पर की गई थी.
किसानों और उपभोक्ताओं पर दोहरी मार पड़ी
ट्रेडर्स और किसानों का कहना है कि आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में भी टमाटर की फसल खराब हुई है. पिछले साल उत्पादन ज्यादा रहा था. कई इलाकों में टमाटर की फसल में बीमारियां भी लगी हैं. इसके चलते भी सप्लाई कम हुई है. बारिश की वजह से ट्रांसपोर्टेशन भी महंगा हो जाता है. यही वजह है कि मानसून में सब्जियों की कीमत उछाल मारती है. इस साल पहले हीटवेव के चलते नुकसान हुआ और उसके बाद भारी बारिश ने किसानों और उपभोक्ताओं पर दोहरी मार मारी है.