क्या-क्या है राष्ट्रपति की बगिया में
राष्ट्रपति भवन की मुख्य इमारत से सटे विशाल आयताकार गार्डन के इस बेहद खूबसूरत हिस्से से ही राष्ट्रपति अपनी सैर की शुरुआत करते हैं। एक तरफ फूलदार डेकोरटिव पेड़-पौधे और फव्वारे यहां नजर आएंगे तो साथ ही करीने से तैयार घास व फूलों के कारपेट भी मन मोहते हैं। परिसर में एक ओर अपनी रंग-बिरंगी वैराइटीज और निराली छटा बिखेरता-इठलाता खड़ा दिखाई देगा नायाब और खूबसूरत-सा ट्यूलिप। खुशबुएं बिखेरने वाले मोगरा-मोतिया रजनीगंधा, बेला, रात की रानी, जूही, चम्पा-चमेली सरीखे पौधे भी सुगन्धित वातावरण में इजाफा करते आसपास दिखाई देंगे।
साथ ही हैं वाइट-येलो यानी सफेद और पीले रंग के और बलबुअस फूलों वाले पेड़-पौधे। बल्ब की तरह फूले लाल, सफेद, पर्पल, येलो व पिंक कलर के ट्यूलिप्स के अलावा यहां आपको देखने को मिलेंगे रंगबिरंगे रेननकुलस, बहुरंगी फ्रेसिया, सफेद ऑरथेनोजेलम, तरह-तरह के रंगों वाले ग्लेडुुलाई और एशियाटिक लिलिनम आदि के बेहद चित्ताकर्षक फूलों वाले पौधे। ट्यूलिप यूरोप के ठंडे इलाकों की सर्दियों में खिलने वाले फूल होते हैं।
सर्कुलर गार्डन की अद्भुत छठा
यह रोज़ गार्डन से आगे है। राष्ट्रपति भवन के बेहद खूबसूरत नजारे वाला गार्डन है यह। बीचोंबीच ट्यूलिप के फूलों से सज्जित पानी का छोटा-सा सुंदर ताल।चारों ओर फैली महक बिखेरती बेलें और फूल जो स्वर्ग की अलौकिकता और कमनीयता का एकसाथ अहसास कराते से लगते हैं। इस गार्डन में रंग-बिरंगी तितलियां ज़्यादा आने के कारण इसे तितली गार्डन भी कहा जाता है। डेलिया, पेन्सी, कैलिफोर्निअन पोपी, स्टॉक, बोगनवेलिया, चमेली और जूही की बेलें इसकी रंगत को और निखार रहे हैं। गार्डन लेडीज पर्स, डेफोडिल, हैसियंथ, लिली और गेंदे जैसे फूलों की महक से सराबोर है। तनिक लंबी सांस खींचने पर यह मिली-जुली खुश्बू क्षणभर के लिए दिलो-दिमाग में रच-बस जाती है। एक अलौकिक-सा अहसास होता है।
लॉन्ग गार्डन या रोज गार्डन
थोड़ा आगे आएंगे तो खुद को रोज गार्डन में खड़ा पाएंगे। गुलाब की तकरीबन 135 किस्मों से महकती है यह बगिया। इन्हें बड़ी नफासत से लगाया गया है। इनमें क्वीन एलिजाबेथ, मदर टेरेसा, एंजलिक, ब्लू मून, ब्लैक रोज या ऑक्लोहोमा, ब्लैक बकारा और ग्रीन रोज जैसी डेकोरिटव और खुश्बू वाली तमाम वैराइटीज शामिल हैं।
स्प्रिचुअल गार्डन है ऐतिहासिक
विभिन्न धार्मिक विश्वासों से जुड़े चंदन, बेर, रीठा, रुद्राक्ष, खजूर, क्रिसमस-ट्री, कल्पवृक्ष, कृष्णा-बड़, खैर और शमी आदि पेड़-पौधों से सुसज्जित यह ऐसा गार्डन है जो आपको ऐतिहासिकता के साथ-साथ पौराणिकता के माहौल का भी अहसास कराएगा।
नक्षत्र गार्डन भी मौजूद
हर्बल गार्डन भी दिखेगा
इस जगह आकर आपको एक मिलीजुली गंध का अहसास होने लगेगा। यह गंध है अश्वगंधा, ब्रहमी, शंखपुष्पी, लैमन-ग्रास, पांच प्रकार की मिंट, खस, ईसबगोल, खुश्बूदार ऑयल वाला जिरेनियम, हडजोड़ और स्टीविया जैसे औषधीय और घरेलू उपयोग के पेड़-पौधों की जिन्हें बड़े करीने से यहां लगाया गया है। कई तरह के तुलसी के पौधे विशेष आकर्षण हैं।
म्यूजिकल गार्डन
बाई ओर है म्यूजिकल या संगीतमय फव्वारा गार्डन। संगीत के साथ चलते फव्वारे आपकी सैर के उत्साह को दूना और थकान को दूर कर देंगे। उसके साथ ही मौजूद है बोंजाई गार्डन।
बोंजाई गार्डन
यहां देखने को मिलेंगी 50 प्रकार की बोंजाई पौधों की किस्में जैसे गुग्गल, पीपल, बरगद, नीम, चिरी, फाइकस, खिरनी, इमली, चाइना-ऑरेंज, शहतूत, जैट्रोपा यानी रतनजोत, मौलश्री, मुरिया और बोगनवेलिया आदि।
न्यूट्रीशियन गार्डन
नाम से ही जाहिर कि आम-संतरे और तरह-तरह के स्वास्थ्यप्रद फल और सब्जियों के पेड़- पौधे आपको यहां दिखाई देंगे।
दृष्टिहीनों के लिए गार्डन
मुगल गार्डन में कैक्टस गार्डन तो है ही, खासतौर से दृष्टिहीनों के लिए बनाया गया टैक्टाइल गार्डन भी आपको देखने को मिलेगा जिसमें आकर ऐसे दिव्यांग लोग पेड़-पौधों की विभिन्न किस्मों के अहसास का लुत्फ़ उठा सकते हैं।
सीखने की नई चीजें
1-एयर-क्लीनिंग पौधे
आजकल प्रदूषण ने लोगों की नाक में दम कर रखा है। सो, यहां कुछ ऐसे पौधे प्रदर्शित किए गए हैं जो हवा में तैर रहे प्रदूषण-कणों को एब्जॉर्ब कर लेते हैं। इन्हे आसानी से घर में लगाकर प्रदूषण के असर को कम करने में मदद मिल सकती है। नासा द्वारा प्रमाणित ये पौधे हैं-एरिका पाम, फोनिक्स पाम, बैम्बू पाम, बॉस्टन फर्न, स्पाइडर प्लांट, मनी प्लांट, रबड़ प्लांट, पीस लिली, फलैमिंगो लिली, एग्लो नीमा, डिफन बेकिया या डम्ब केन और ऐलोविरा।
2-सिंचाई का ऑटोमेटेड सिस्टम
अगर आपके पास रोज-रोज पौधों को पानी देने का समय नहीं है या आप कुछ रोज के लिए बाहर जा रहे हैं तो यहां एक ऐसा ऑटोमेटेड सिस्टम दिखाया गया है जिसमें प्रोग्रामिंग करने से आपके द्वारा सेट किए समय पर पौधों को अपने आप पानी मिल जाएगा। यह सिस्टम 5 से 7 हजार रुपये में मिल जाता है।
3-वर्टिकल गार्डन एक्जीबिशन
घरेलू उपयोग के किचन गार्डन पौधों को कैसे कम से कम जगह वाले घरों में लगाया जा सकता है, यहां इसके साथ-साथ इसकी जानकारी भी दी गयी है कि बिना मिट्टी सिर्फ पानी में ही फूल और सब्जियां कैसे लगाई जाएं। गमलों में गोभी, ब्रोकली, टमाटर, बैंगन, निम्बू, स्ट्राबेरी, अमरुद, अंगूर,अनार और चीकू आदि सब्जियां और फल कैसे लग सकते हैं यह आपको यहीं आकर पता लगेगा।
खुलने के दिन और समय
31 जनवरी से 26 मार्च 2023 तक सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक। लेकिन, एंट्री सिर्फ 4 बजे तक ही हो सकेगी।
छुट्टी रहेगी
हर सोमवार और 8 मार्च की होली पर।
एंट्री किस गेट से
-गेट नंबर-35 से होगी। आरएमएल हॉस्पिटल के सामने नॉर्थ एवेन्यू वाली रोड से होकर आना होगा।
-एंट्री या प्रवेश फ्री है।
अंदर मिलने वाली सुविधाएं
-पीने का पानी, टॉयलेट, फर्स्ट एड की सुविधा और थक जाने पर रेस्ट की जगह।
-दिव्यांगों के लिए व्हील चेयर गेट पर ही मिल जाएगी।
साथ ले जा सकते हैं
छोटा लेडीज पर्स, मोबाइल, गाड़ी की चाबी, पानी की बोतल ले जा सकते हैं।
नहीं ले जा सकते हैं
बैग, बड़ा लेडीज पर्स, छाता, और खाने-पीने का सामान या चाकू हथियार इत्यादि।
किन बातों का रखें ध्यान
अधिकारियों का कहना है कि अपने साथ किसी तरह का आई कार्ड, आधार कार्ड, स्कूल आई कार्ड या वोटर कार्ड साथ जरूर लेकर आएं।