दिल्ली बार एसोसिएशन में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नोटिस जारी किया. बता दें कि कोर्ट दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिनमें से एक याचिका में दिल्ली के सभी जिला बार एसोसिएशन को महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के निर्देश देने की मांग की गई थी. दूसरी याचिका में दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन में महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली बार काउंसिल और राजधानी के बार एसोसिएशन से दिल्ली के बार निकायों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की मांग वाली याचिकाओं पर जवाब मांगा.
25 सितंबर को अगली सुनवाई
जस्टिस सूर्यकांत और उज्जल भुइयां की बेंच ने कहा कि वह मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को करेगी. हालांकि एक पक्ष के वकील ने छोटी तारीख मांगी क्योंकि बार चुनाव के लिए प्रचार पहले से ही चल रहा था. लेकिन जस्टिस भुइयां ने टिप्पणी की कि प्रचार क्यों होना चाहिए? वकीलों को अपनी अंतरात्मा के अनुसार वोट करने दें?
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने इस पर अपनी बात रखते हुए कहा कि हमने एक अन्य मामले में बार चुनावों में कितना खर्च किया जा रहा है, इस पर भी प्रकाश डाला है. उन्होंने कहा कि अगर वकील भी ऐसा करेंगे तो इस देश में मुकदमेबाजी के भविष्य का क्या होगा?
महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण
पीठ दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें से एक दिल्ली के सभी जिला बार संघों को सभी चुनावों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के निर्देश देने की मांग कर रही थी. दूसरी दिल्ली हाईकोर्ट बार संघ (डीएचसीबीए) में महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग कर रही थी. पहली याचिका अधिवक्ता शोभा गुप्ता और उनकी बेटी ने दायर की थी.
दिल्ली हाईकोर्ट ने 11 सितंबर को उस मामले में कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद शीर्ष अदालत में अपील दायर की गई थी.
कानूनी पेशा जॉइन कर रहीं महिलाएं
वकील स्वाति जिंदल गर्ग के माध्यम से दायर याचिका में बताया गया कि हाईकोर्ट ने मामले को 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है. महिलाएं कानूनी पेशे में प्रवेश कर रही हैं, वो बार काउंसिल और बार एसोसिएशन के प्रमुख पदों पर अप्रभावी प्रतिनिधित्व के कारण धीरे-धीरे वरिष्ठ पदों पर पहुंच रही हैं.
दोनों याचिकाओं पर नोटिस जारी
डीएचसीबीए में आरक्षण से संबंधित याचिका अधिवक्ता अदिति चौधरी ने अधिवक्ता सुनीता ओझा के माध्यम से दायर की थी और अधिवक्ता हर्षिता सिंघल द्वारा तैयार की गई थी. पीठ ने दोनों याचिकाओं पर नोटिस जारी किया और उन्हें टैग किया. दिल्ली बार काउंसिल और राजधानी में सभी बार एसोसिएशनों के चुनाव इस साल 19 अक्टूबर को होने वाले हैं. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट के उस निर्देश पर रोक लगा दी थी, जिसमें कहा गया था कि किसी भी उम्मीदवार को एक ही सीट पर एक साथ दो पदों के लिए चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी.