मंडी। ओवन में अब खाना भी पकेगा और पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। बिजली की बचत होगी और कार्बन डाईआक्साइड का उत्सर्जन भी कम होगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी के विज्ञानी ने सोलर थर्मल इलेक्ट्रिक हाइब्रिड कुकिंग ओवन (स्टेपको) विकसित किया है।
इसमें सोलर, इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड मोड में खाना पका सकते हैं। यह ओवन घर के अंदर और बाहर दोनों जगह काम आएगा। अगर आप परिवार और दोस्तों के साथ कहीं बाहर पिकनिक मनाने जा रहे हैं तो यह ओवन बड़े काम आएगा।
वाईफाई की सुविधा से होगा लैस
सौर ऊर्जा से ओवन में आसानी से केक, पिज्जा, दाल चावल व सब्जी बना सकते हैं। घर में बिजली व हाइब्रिड मोड में कर सकेंगे। बिजली के मुकाबले सौर ऊर्जा से खाना बनाने में दोगुना समय लगेगा। ओवन की दूसरी बड़ी खूबी यह है कि खाना पका या नहीं आपको इसकी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। ओवन इंटरनेट और वाईफाई की सुविधा से लैस होगा। इसे मोबाइल एप के माध्यम से संचालित कर सकते हैं। एप पर हर जरूरी जानकारी मिलेगी।
स्टेपको ओवन, टोस्टर और ग्रिलर सुविधा से युक्त
स्टेपको ओवन, टोस्टर और ग्रिलर सुविधा से युक्त है। इसकी कीमत लगभग 12,000 रुपये होगी। ओवन की इस तकनीक का शोध नींदरलैंड के एनर्जी जर्नल में प्रकाशित हुआ है। स्टेपको ने हाइब्रिड मोड में 63 प्रतिशत, इलेक्ट्रिक मोड में 35 सौर मोड में चार प्रतिशत ऊर्जा दक्षता प्रदर्शित की है।
हीटिंग कक्ष की ऊपरी और निचली सतह पारदर्शी कांच, मुख्य हीटिंग कक्ष के तीनों किनारे एल्यूमीनियम मिश्र धातु से बने हैं। अन्य तीन चैंबर कठोर (टफन) कांच के हैं। तीनों कांच के किनारे ऊपर, नीचे और दरवाजा सामने की ओर हैं। केंद्रित सौर विकिरण के प्रवेश की अनुमति देने के लिए हीटिंग कक्ष की ऊपरी और निचली सतह पारदर्शी कड़े कांच से बनी हैं। यह सौर या हाइब्रिड मोड में संचालन करते समय ओवन का पर्याप्त सौर तापीय ताप सुनिश्चित करता है।
सौर मोड में उपयोग करने पर शून्य कार्बन डाइआक्साइड का उत्सर्जन
ओवन में मौजूद हीटिंग तत्व विद्युत हीटिंग प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं। उनका उपयोग केवल स्टेपको को इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड मोड में संचालित करते समय किया जाता है। हाइब्रिड मोड में 51 प्रतिशत ऊर्जा की बचत होती है। एक माइक्रो कंट्रोलर आधारित स्मार्ट नियंत्रण प्रणाली इन तत्वों के संचालन को नियंत्रित करती है।
स्टेपको में हाइब्रिड मोड में उपयोग करने पर खाना पकाने की प्रक्रिया के दौरान बहुत कम कार्बन डाइआक्साइड उत्सर्जित होती है। सौर मोड में उपयोग करने पर कार्बन डाइआक्साइड का शून्य उत्सर्जन होता है। इससे पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा। खाना भी स्वच्छ तकनीक से पकेगा।
स्टेपको से तीन मोड में खाना पका सकते हैं। इससे बिजली की बचत होगी। कार्बन डाइआक्साइड का उत्सर्जन कम होने से पर्यावरण सुरक्षित होगा। लोगों को घर से बाहर खाना पकाने की चिंता से निजात मिलेगी। -डा. सत्वशील रमेश पोवार,एसोएियट प्रोफेसर स्कूल आफ मैकेनिकल एंड मैटीरियल्स इंजीनियरिंग आइआइटी मंडी