चंडीगढ़। सतलुज यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) मामले पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर दी है। उन्होंने कहा कि एसवाईएल नहर बनाने पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्पष्ट है और जल बंटवारा अलग विषय है। ऐसे में यह पंजाब सरकार का दायित्व है कि वह नहर का निर्माण में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करे। आम आदमी पार्टी इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जब हरियाणा जाएंगे तो उन्हें एसवाईएल पर अपना रुख स्पष्ट करना होगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में राष्ट्रीय महिला पत्रकारों से संवाद में यह बात कही। उन्होंने हरियाणा में महिला सशक्तीकरण से जुड़े सवाल पर कहा कि हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की सफलता रही है। 22 जनवरी 2015 को पानीपत से ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान की शुरूआत हुई और लिंगानुपात एक हजार लड़कों के पीछे 871 से बढ़कर 927 तक पहुंचा है। यह एक बड़ी उपलब्धि है लेकिन हम अभी भी इससे संतुष्ट नहीं है।
बीते 8 सालों में खोले 72 नए कॉलेज: सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने आठ साल में 72 नए कॉलेज खोले जिनमें महिला कालेजों की संख्या अधिक रही। पंचायतों और स्थानीय निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया है। गांव में पढ़ी-लिखी पंचायतें चुनने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी। महिला सुरक्षा को लेकर प्रदेश में 30 से अधिक महिला थाने खोले गए। पुलिस में महिलाओं की भागीदारी पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 13 प्रतिशत कर दी है गई है और इसे हम अब 15 प्रतिशत कर रहे है।
हरियाणा की बेटियां खेल और विज्ञान क्षेत्र में आगे: CM मनोहर लाल
उन्होंने कहा कि आज हरियाणा की बेटियां खेल और विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। हिसार के एक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह का जिक्र भी किया, जिसमें विभिन्न विषयों में 20 में से 18 मेडल बेटियों ने हासिल किए। भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने संकल्प को दोबारा दोहराते हुए उन्होंने एक महिला पत्रकार द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि हम भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करते।
यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर हरियाणा सीएम
यूनिफार्म सिविल कोड के मुद्दे पर उत्तराखंड सरकार द्वारा जल्द लागू करने के एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि हम इसका समर्थन करते है। इससे समाज में सामंजस्य, समानता और राष्ट्रीयता की भावना बढ़ेगी। हमारे प्रदेश में यह मामला पाइपलाइन में है और जब जरूरत होगी, हम इसे लागू कर देंगे। दिल्ली के खराब पर्यावरण के लिए हरियाणा के किसानों को पराली जलाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में लाखों किसान धान की खेती से जुड़े हैं और हम पराली की उपयोगिता को बढ़ाने पर फोकस कर रहे हैं।