नोएडा। सोनिया अख्तर (Sonia Akhtar) से शादी करने के लिए बांग्लादेश में सौरभकांत तिवारी नाम बदलकर सौरभ बन गया था। यह दावा सोनिया ने पुलिस को निकाहनामा और शपथ पत्र सौंपते हुए किया है।
उसने जबरन मतांतरण कराए जाने की बात से भी साफ इनकार किया है। जबकि सौरभ अभी यह दावा कर रहा है कि शादी करने के लिए सोनिया ने दबाव बनाकर उसका जबरन मतांतरण कराया था।
“सौरभ ने अपना नाम बदलकर मुस्लिम रीति रिवाज से किया था निकाह”
पुलिस फिलहाल सोनिया ने जो दस्तावेज उपलब्ध कराएं हैं। उनकी जांच कर रही है। सोनिय अख्तर ने पुलिस को बताया कि सौरभ ने उससे कहा था कि पत्नी की मौत के बाद वह अकेला है।
इसलिए वह उससे शादी करना चाहता है। इस पर उसने हिंदू से विवाह करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद सौरभ ने खुद अपना नाम बदलकर मुस्लिम रीति रिवाज को अपनाते हुए निकाह किया था।
सोनिया ने 11 अप्रैल 2021 का एक शपथ पत्र भी पुलिस को सौंपा है। इसे सौरभ ने मतांतरण के दौरान कोर्ट में दिया था। सोनिया का कहना है कि सौरभ ने पहली पत्नी की मौत हो जाने की बात कही थी। इसके बाद जब वह गर्भवती हुई तब उसने बताया कि उसकी पहली पत्नी भी जीवित है।
निकाह के बाद दो साल तक साथ रहा सौरभ
सोनिया ने बताया कि निकाह के बाद लगभग दो वर्ष तक वह उसके साथ रहा। इस दौरान उसने सौरभ को नमाज पढ़ना सिखाया। टोपी लगाकर सौरभ मस्जिद भी जाता था।
उसने सौरभ के लिए इंग्लिश में लिखी कुरान भी खरीदी थी। एडीसीपी महिला सुरक्षा प्रीति यादव का कहना है कि दोनों की काउंसलिंग और जांच की जा रही है। जांच के बाद रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी जाएगी।
केमिकल की डील के दौरान हुई थी पहली मुलाकात
सोनिया अख्तर ने बताया कि वह स्नातक करने के बाद ढाका की एक कंपनी में नौकरी करने लगी। कंपनी केमिकल बेचने का काम करती है। इस कंपनी में सौरभ काम करते थे।
सोनिया के मुताबिक उसे हिंदी बोलनी आती है, लेकिन लिखनी नहीं आती। चूंकि, सौरभ की कंपनी के मालिक केरल से हैं, इसलिए कंपनी मालिक और सौरभकांत तिवारी से केमिकल की डील के लिए मीटिंग करने का आदेश मिला।
उसी दौरान सौरभ से पहली बार मुलाकात हुई। इसके बाद दूसरी मीटिंग के दौरान ही सौरभ ने उसके सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया। जिसे उसने सौरभ की उम्र अधिक होने और हिंदू होने के चलते ठुकरा दिया।