अनुगुल। ओडिशा में एक विशेष पोस्को कोर्ट ने शनिवार को एक बुजुर्ग को नाबालिग के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का दोषी ठहराते हुए पांच साल की सजा सुनाई। दोषी की पहचान गंजाम जिले के तारासिंह इलाके के 62 वर्षीय प्रशांत प्रधान के रूप में हुई।
सजा के अलावा न्यायाधीश ने प्रधान पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि जुर्माना का भुगतान नहीं करने पर प्रधान को छह महीने की अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा काटनी होगी।
पीड़ित परिवार को वित्तीय सहायता देने का निर्देश
न्यायाधीश ने जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के सचिव को पीड़िता के परिवार को 2.62 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने का भी निर्देश दिया। राज्य सरकार की ओर से मामले की पैरवी कर रहे सरकारी वकील नारायण पंडा ने पत्रकारों के सामने यह बात कही।
न्यायाधीश ने 14 गवाहों के बयानों की जांच के बाद पुलिस आरोप पत्र पर आदेश पारित किया। शनिवार को जब न्यायाधीश ने आदेश सुनाया तो जेल में विचाराधीन कैदी प्रधान को अदालत में पेश किया गया।
पीड़ित परिवार को वित्तीय सहायता देने का निर्देश
न्यायाधीश ने जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के सचिव को पीड़िता के परिवार को 2.62 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने का भी निर्देश दिया। राज्य सरकार की ओर से मामले की पैरवी कर रहे सरकारी वकील नारायण पंडा ने पत्रकारों के सामने यह बात कही।
न्यायाधीश ने 14 गवाहों के बयानों की जांच के बाद पुलिस आरोप पत्र पर आदेश पारित किया। शनिवार को जब न्यायाधीश ने आदेश सुनाया तो जेल में विचाराधीन कैदी प्रधान को अदालत में पेश किया गया।
क्या है पूरा मामला
घटना 8 अक्टूबर, 2016 को तब हुई जब नाबालिग लड़का तारासिंह पुलिस स्टेशन क्षेत्र अंतर्गत ट्यूशन से घर लौट रहा था। प्रधान ने लड़के को सड़क पर देखा और उसे अपने घर के अंदर बुलाया। वहां उसने नाबालिग के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाया।
लड़का घर लौटा और अपनी आपबीती सुनाई। इसके बाद गांव समिति ने इस मुद्दे पर एक बैठक बुलाई। वहां प्रधान ने नाबालिग के परिवार के आरोपों का विरोध किया और उन्हें धमकी भी दी। बाद में लड़के के पिता ने तारासिंह थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने पूर्व में दर्ज मामले में प्रधान को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था।