भले ही स्वर्गीय शरद यादव पंचतत्व में विलीन हो गए और हमारे बीच ना हो पर उनके एहसान हमेशा लोगों के जहन में रहेंगे। स्वर्गीय शरद यादव ने जबलपुर के 308 लोगों की रेलवे में स्थाई नौकरी लगवाई थी। बात उस समय की है जब रेल मंत्री ममता बनर्जी थी , शरद यादव के कहने पर रेल मंत्री रहीं ममता बनर्जी ने महज 3 माह के अंदर 300 से अधिक लोगों की रेलवे में नौकरी लगवाई थी और वह भी इसलिए क्योंकि स्वर्गीय शरद यादव ने ममता बनर्जी से कहा था ये लोग जबलपुर के हैं और जबलपुर के लोगों को मैं कभी भी निराश नहीं करता हूं।
रेलवे में पदस्थ टीसी अनिल वानखेड़े ने उन दिनों को याद करते हुए बताया कि हम लोग रेलवे में पानी पिलाने का अस्थाई काम करते थे, 3 माह के बाद हम लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया। कई मर्तबा अधिकारियों से मिलें , दिल्ली के चक्कर भी लगाए पर किसी ने नहीं सुनी। एक बार फिर से हम सभी लोग दिल्ली गए और सीधे स्वर्गीय शरद यादव के बंगले पहुंचे। जैसे ही हम लोगों ने उन्हें बताया कि हम सब जबलपुर से आए तो उन्होंने सभी को ना सिर्फ चाय नाश्ता करवाया बल्कि यह भी पूछा कि इतने सारे लोग आखिर क्यों जबलपुर से दिल्ली आए हैं।
अनिल वानखेड़े ने बताया कि जब हम लोग शरद यादव से मिलें और उन्हें बताया कि हम सभी 308 लोग रेलवे में अस्थाई काम करते थे लेकिन हम लोगों को निकाल लिया गया है, इतना सुनते ही स्व शरद यादव ने तुरंत अपनी पीए से कहा कि रेल मंत्री ममता बनर्जी से मेरी बात करवाओ इतना ही नहीं शरद यादव ने ममता बनर्जी को पत्र भी हमारे लिए लिखा ।
रेलवे में पदस्थ टीसी अनिल वानखेड़े ने बताया कि आज ना सिर्फ मैं बल्कि वो 308 परिवार भी शरद यादव जी के कारण ही रेलवे में नौकरी कर रहा है। शरद यादव जी के निधन की खबर से हम सब लोग बहुत दुखी है ऐसा लग रहा है जैसे कि हमारे सिर से हमारे किसी बड़े का हाथ हट गया हो। अनिल वानखेड़े ने बताया कि जैसे ही हम लोगों को पता चला कि शरद यादव जी का निधन हो गया है वैसे ही ऐसा लगा जैसे कि कोई बड़ा हमसे बहुत दूर चला गया हो।