भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार कांग्रेस पर हमलावर हैं। वे कांग्रेस और कमलनाथ की कुनीतियों को लगातार उजागर कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आदिवासियों को अपमानित किया, कभी आदिवासी जननायकों को सम्मानित नहीं किया। कांग्रेस सिर्फ एक खानदान के स्मारक बनवाए, जबकि हम आदिवासी जननायकों के स्मारक बनवा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जबलपुर में रानी दुर्गावती का भव्य स्मारक बन रहा है। टंट्या मामा का स्मारक बनाया है। आदिवासी जनजनायकों के गौरव को पुनर्स्थापित करने का काम भाजपा सरकार ने किया है।
‘कमलनाथ ने बंद की थी कई योजनाएं’
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि हमारी सरकार में गरीब आदिवासी बहनों को हर महीने एक हजार रुपये दिये जाते थे, संबल योजना से गरीबों को बल मिला था, आदिवासियों को जूते-चप्पल देते थे, लेकिन कांग्रेस की सरकार बनते ही यह सब बंद हो गया था। कांग्रेस ने सरकार में आते ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बैगा सहरिया भारिया बहनों को पैसे देना बंद कर दिया था।
‘कांग्रेस ने किया महापाप’
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में बहनों को एक हजार रुपये आहार अनुदान दिया जाता था, जिसे कमलनाथ ने बंद करने का महापाप किया था। कमलनाथ ने गरीबों की संबल योजना बंद कर दी थी। आदिवासियों को जूते चप्पल देना बंद कर दिया था। जूते, चप्पल, पानी की कुप्पी, साड़ी देना भी बंद कर दिया था। अब हम आदिवासियों के पांव में जूते चप्पल पहना रहे हैं तो उनके कलेजे में तकलीफ हो रही है।
‘गरीबों के विरोध में रही कांग्रेस’
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि कांग्रेस और कमलनाथ हमेशा गरीब विरोधी रहे हैं, बहनों के विरोधी रहे हैं। कमलनाथ आदिवासियों के विरोधी रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रियंका गांधी और कमलनाथ से कहा कि आप सुन लें, हम आदिवासी भाई बहनों को सम्मान भी देंगे और सामान भी देंगे।
‘कांग्रेस ने जनजातीय नायकों का नहीं किया कभी सम्मान’
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आदिवासियों को अपमानित करने का काम किया है। वह कांग्रेस ही थी जिसने कभी आदिवासी जननायकों को सम्मान नहीं दिया। टंट्या मामा हो, भीमा नायक हो, रघुनाथ शाह, शंकर शाह हो, रानी दुर्गावती हो, बिरसा भगवान हो हम स्मारक बना रहे हैं। कांग्रेस ने केवल अपने नेताओं के एक खानदान के स्मारक बनाए हैं।
कमल नाथ ने बंद कर दीं थी यह योजनाएं
संबल योजना बंद की थी, गरीबों की असमय मृत्यु पर मिलने वाले रुपये बंद किये।
तेंदूपत्ता तोड़ने वाले भाई बहनों को जूते-चप्पल देना बंद किया था।
जनजातीय बहनों को एक हजार रुपये महीने का आहार अनुदान बंद कर दिया था।