प्रयागराज :- हंसमुख स्वभाव कुशल ग्रहणी पूर्व विधायक नीलम करवरिया का निधन। पिछले कई दिनों से लिवर सिरोसिस की समस्या के चलते उनका इलाज हैदराबाद के निजी अस्पताल में चल रहा था इलाज के दौरान बताया जाता है कि ब्लड प्रेशर लो होने के कारण अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने लगी इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर रखा जहां देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली हैदराबाद इलाज के लिए वह अपने पति उदयभान करवरिया के संग गई थी जो अंतिम समय तक उनके साथ रहे उनके निधन की खबर से पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गई हसमुख स्वभाव के कारण वह काफी कम समय में अत्यंत लोकप्रिय हो गई थी और उन्हें उनके शुभचिंतक भाभी मां के नाम से पुकारते थे यूँ तो वह एक ग्रहणी महिला थी किंतु राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण ऐसे हालात उत्पन्न हुए की परिवार के बड़े लोग को सजा हुई और सभी लोग सेंट्रल जेल नैनी कारागार में निरूद्ध रहे ऐसे समय में पूरे परिवार का भार पूर्व विधायक मां नीलम जी ने संभाला और इसी बीच उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर मेजा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और अपने पति का सम्मान बरकरार रखते हुए विजय श्री हासिल किया इसके बाद तो वह पार्टी में भी बेहद लोकप्रिय हो गई थी सामान्य से कार्यकर्ता से लेकर बड़े पदाधिकारी उन्हें उनकी कुशलता को देखते हुए बेहद सम्मान देते थे पूर्व विधायक का भी सबको अपने परिवार के अनुसार बराबर की दृष्टि से देखती थी और सभी के सुख दुख में सदैव खड़ी रहती थी। उनका स्वभाव ही ऐसा था की एक बार जिससे मिल लेती थी वह उनका हो जाता था। विधायिका के दो बेटी और एक बेटे हैं जो बेहद मायूस हो गए मां के निधन की खबर से शुक्रवार की शाम उनका पार्थिव शरीर कल्याणी देवी स्थित कोठी पर दर्शनार्थ रखा जाएगा और शनिवार की सुबह 10:00 बजे रसूलाबाद घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके निधन पर राष्ट्रीय सनातन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज दुबे गहरी शोक में डूब गए और उन्होंने इस पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह अपूर्णनीय क्षतीय है जिसकी भरपाई असंभव है उन्होंने कहा कि वह हमारे परिवार की अनमोल रत्न थी जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में न केवल पूरे परिवार को संभाला बल्कि राजनीतिक विरासत को भी समेट कर रखा एक सामान्य ग्रहणी होने के बावजूद जिस कुशलता से उन्होंने पूरे परिवार को और राजनीतिक विरासत को संभाले रखा ऐसी महिला को कोटि-कोटि नमन