मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारतीय चिंतन में अनेक समस्याओं का समाधान समाहित है। विश्व के राष्ट्र, भारत की पुरातन आध्यात्मिक संपदा को स्वीकारते हैं। रामायण अद्भुत ग्रंथ है। आज भी गाँव-गाँव में इसे गाया और सुनाया जाता है। महत्वपूर्ण शिक्षाओं के साथ ही विश्व शांति का संदेश देने में भारतीय धर्म ग्रंथ सहायक हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज तृतीय अंतर्राष्ट्रीय रामायण कान्फ्रेंस को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रेम, शांति, प्रसन्नता, एकता और भाई-चारे का संदेश देने वाले इस आयोजन में शोध-पत्र प्रस्तुत करने आए विद्वानों का मध्यप्रदेश में स्वागत है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कांफ्रेंस की सफलता के लिए शुभकामनाएँ दी।
जबलपुर में हो रही कॉन्फ्रेंस में सांसद श्री राकेश सिंह, आयोजन समिति के अध्यक्ष पूर्व मंत्री श्री अजय विश्नोई, डॉक्टर गुमास्ता, श्री जी.डी. बक्शी, श्री गोविंद सिंह आदि उपस्थित हुए। कान्फ्रेंस में अनेक देश के प्रतिनिधि उपस्थित हुए हैं। "रामायण की सौम्य शक्ति" विषय पर कॉन्फ्रेंस में महत्वपूर्ण शोध-पत्र प्रस्तुत किए गए हैं।