उत्तर प्रदेश के बहराइच में दशहरा के दिन हुए हिंसा के मामले में अब एसपी वृंदा शुक्ला एक्शन में हैं. सोमवार की शाम उन्होंने इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में कुल 29 पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया. लाइन हाजिर किए गए पुलिस कर्मियों में सभी हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल हैं. दंगे के दौरान इनकी ड्यूटी उपद्रव रोकने के लिए लगी थी. एसपी बहराइच वृंदा शुक्ला ने इन पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करते हुए इनके स्थान पर दूसरे पुलिसकर्मियों की तैनाती भी कर दी है.
बता दें कि बहराइच में हरदी थाना क्षेत्र के महाराजगंज में 13 अक्टूबर को प्रतिमा विसर्जन के एक इमारत से धार्मिक झंडा उतारने पर हिंसा भड़की थी. इसी मामले में राम गोपाल मिश्रा की हत्या हुई और दंगा भड़क गया था. वहीं 14 अक्टूबर को यहां लोगों ने आगजनी और वाहन में तोड़फोड़ किया था. इस घटना के कई वीडियो भी सामने आ चुके हैं. बवाल बढ़ने पर यहां कई थानों की पुलिस फोर्स को दंगा रोकने की जिम्मेदारी दी गई थी.
पुलिस की निष्क्रियता से भड़की हिंसा
बताया जा रहा है कि ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों की निष्क्रियता की वजह से दंगा लगातार भयावह रूप लेता गया. यह तथ्य सामने आने के बाद बहराइच एसपी ने जांच बैठाई थी और अब जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद उन्होंने दो थानों के 29 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया है. इनमें हरदी थाने के 14 और राम गांव थाने के 15 पुलिसकर्मी शामिल हैं. हालांकि उन्होंने आधिकारिक आदेश में इस कार्रवाई की वजह प्रशासनिक बताया है.
कुल 58 पुलिसकर्मी हुए इधर से उधर
इन पुलिसकर्मियों को लाइन करने वाले आदेश में ही एसपी वृंदा शुक्ला ने पुलिस लाइन से 13 पुलिस कर्मियों को हरदी थाने में पोस्ट किया है. वहीं लाइन से ही 16 को निकालकर राम गांव थाने में तैनाती दी है. इस आदेश में एसपी ने कुल आज 58 कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल के कार्य क्षेत्र में बदलाव किया है. इसी दंगा मामले में सीओ, थानाध्यक्ष, चौकी इंचार्ज के अलावा तहसीलदार के खिलाफ पहले ही कार्रवाई हो चुकी है.