खास खबर : 20 करोड़ से लगेगा बायो गैस संयंत्र,
2.40 टन प्रतिदिन तैयार होगी कंप्रेस्ड बायोगैस
हरदोई। अब गोबर और फसलों के अवशेष भी खराब नहीं जाएंगे। भेलामऊ में करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्र में प्रतिदिन 1,500 क्विंटल गोबर की खपत होगी। जिससे प्रतिदिन 2.40 टन गैस का उत्पादन होगा।
बायोगैस संयंत्र की स्थापना से क्षेत्र के किसानों, गोशाला और अस्थाई पशु आश्रयस्थल के गोबर की बिक्री भी शुरू हो जाएगी।भरखनी क्षेत्र के भैलामऊ गांव में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी के पुत्र आदि तिवारी की ओर से कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्र की स्थापना कराई जा रही है।
करीब सात एकड़ भूमि इसके लिए ली गई है। जिसमें चार एकड़ पर संयंत्र बनवाया जा रहा है और तीन एकड़ में डंपिंग यार्ड बनेगा। संयंत्र की स्थापना से क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। यूटीएम (उपेंद्र तिवारी मेमोरियल) एनर्जी प्राइवेट लि. के निदेशक आदि तिवारी ने बताया कि उन्होंने कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्र की स्थापना अपनी भूमि पर शुरू कराया है।
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गोशालाओं और पशुपालकों की बढ़ेगी आमदनी और खेतों के मिलेगी खाद
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि संयंत्र की स्थापना से गोबर की मांग बढ़ेगी। पशुपालकों, संरक्षित मवेशियों से जुड़े आश्रयस्थल, गोशाला से गोबर की बिक्री होगी। जिससे पशुपालकों और गोशालाओं की आमदनी बढ़ेगी। अवशेष से खेतों को खाद भी मिलेगी। बताया कि बृहस्पतिवार को बायोगैस संयंत्र के निदेशक आदि तिवारी की मौजूदगी में भैलामऊ क्षेत्र के गोशाला प्रबंधक और संचालकों के साथ बैठक भी की गई है। जिसमें गोबर के प्रति किलोग्राम के भाव को तय किए जाने पर चर्चा हुई है। जिसमें ब्लॉक प्रमुख संघ के अध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप सिंह सेनानी, विमल मिश्रा आदि संचालक मौजूद रहे।
*इंडियन ऑयल लि. खरीदेगा तैयार गैस*
यूटीएम (उपेंद्र तिवारी मेमोरियल) एनर्जी प्राइवेट लि. के निदेशक आदि तिवारी ने बताया कि संयंत्र की स्थापना पर करीब 20 करोड़ रुपये की लागत आएगी। सात एकड़ भूमि पर सयंत्र बनवाया जा रहा है। प्रतिदिन 1,500 क्विंटल गोबर की जरूरत होगी। वहां पर तैयार होने वाली कंप्रेस्ड बायोगैस की बिक्री के लिए इंडियन ऑयल लि. से समझौता हुआ है। इंडियन ऑयल लि. के अधिकारियों प्रतिदिन उत्पादित गैस लिए जाने का अनुबंध किया है।





