एशिया कप 2023 में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. पहले से ही इसकी मेजबानी और फिर बारिश के कारण वेन्यू बदलने को लेकर जारी बवाल के बीच एक नया मुद्दा खड़ा हो गया है. कोलंबों में सुपर-4 राउंड के मैचों पर बारिश का खतरा मंडरा रहा है लेकिन अचानक ही एशियन क्रिकेट काउंसिल ने सिर्फ भारत-पाकिस्तान मैच के लिए रिजर्व-दिन का ऐलान कर हंगामा खड़ा कर दिया है. सुपर-4 के अन्य मैचों के लिए ये व्यवस्था न होने के कारण मीडिया से लेकर फैंस तक ने इसको गलत बताया है. अब इस मुद्दे पर बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने सफाई पेश की है लेकिन इसने अपने आप में कुछ सवाल खड़े कर दिये हैं.
ACC ने शुक्रवार 8 सितंबर को ऐलान किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोलंबो में 10 सितंबर को होने वाले मुकाबले के लिए रिजर्व दिन रहेगा. यानी अगर 10 सितंबर को मैच पूरा नहीं हो पाया तो 11 सितंबर को इसे पूरा किया जाएगा. अभी तक सिर्फ 17 सितंबर को होने वाले फाइनल के लिए ये व्यवस्था थी लेकिन कोलंबो में लगातार जारी बारिश और उससे मैचों के खतरे को देखते हुए ACC ने ये फैसला लिया है.
बांग्ला-श्रीलंका बोर्ड की सफाई
इस फैसले ने हर किसी को हैरान कर दिया क्योंकि कोलंबो में सिर्फ भारत-पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि बांग्लादेश और श्रीलंका को भी अपने-अपने मुकाबले खेलने हैं लेकिन इन मैचों के लिए ये व्यवस्था नहीं है. जाहिर तौर पर सिर्फ एक मैच के लिए प्लेइंग कंडिशंस बदलना चौंकाने वाला है और सवाल उठने लगे कि क्या इसमें श्रीलंका और बांग्लादेश की भी राय ली गई.
कई तरह की अटकलों के बाद बांग्लादेश और श्रीलंका के क्रिकेट बोर्ड ने एक ट्वीट कर इस मामले में सफाई पेश की. बांग्ला बोर्ड ने शुक्रवार देर रात एक ट्वीट में कहा कि ये फैसला ACC की टेक्निकल कमेटी ने लिया, जिससे प्लेइंग कंडिशंस बदल गईं. बोर्ड ने अपने बयान में आगे कहा कि ये फैसला सुपर-4 में हिस्सा ले रही चारों टीमों और ACC की आम सहमति के बाद ही लिया गया है. वहीं क्रिकेट श्रीलंका ने भी इसी बात को दोहराया और कहा कि सहमति के बाद ही रिजर्व-डे जोड़ा गया.
अलग जुबान बोल रहे कोच
अब अगर दो देशों के क्रिकेट बोर्ड ऐसा कह रहे हैं तो इन्हें आधिकारिक बयान माना जाएगा लेकिन इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं और इसकी वजह भी हैं. असल में शनिवार को श्रीलंका और बांग्लादेश का मैच होना है और इससे पहले दोनों टीमों के कोच ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस फैसले पर हैरानी जताई. बांग्लादेश के कोच चंदिका हतुरुसिंघा ने कहा कि वो भी एक रिजर्व-डे अपने मैचों के लिए चाहते, जबकि श्रीलंकाई कोच क्रिस सिल्वरवुड ने तो इसे सरासर नाइंसाफी बता दिया.
कौन सच्चा, कौन झूठा?
इतना ही नहीं, क्रिकबज ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि टेक्निकल कमेटी में बांग्लादेशी बोर्ड का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिकारी ने सलाह-मशविरा की बात से इनकार किया. रिपोर्ट में BCB के डाइरेक्टर अकरम खान के हवाले से बताया गया है कि ये फैसला ACC ने अपने आप लिया और इस बारे में उनके साथ कोई चर्चा नहीं की गई. अब कौन सही है, कौन गलत, ये कहना मुश्किल है लेकिन इतना साफ है कि बांग्लादेश और श्रीलंका को एक ही टूर्नामेंट में अलग प्लेइंग कंडिशंस के तहत खेलना होगा.