गरियाबंद
गरियाबंद जिले में पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। इस भीड़ ने पहले तो पुलिस टीम पर पथराव किया। हमले में 3 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। बताया गया है कि ये सभी लोग धान खरीदी केंद्र की मांग को लेकर जुटे थे। मगर पुलिस से उनकी बहस हो गई। जिसके बाद यह घटना घटी है।
जानकारी के मुताबिक, सोमवार को कंडेकेला सहकारी समिति के अधीन आने वाले 7 गांव के कई लोगों ने यहां पर धान खरीदी केंद्रे खोलने की मांग को लेकर धुरूवागूड़ी के पास चक्काजाम किया था। इस चक्काजाम में महिला किसान भी शामिल हुईं थीं। सभी एक ही बात को लेकर एनएच-130 पर ही बैठ गए थे कि जब तक हमारे लिए नया खरीदी केंद्र नहीं खोला जाता। तब तक हम नहीं उठेंगे। दरअसल, कंडेकेला सहकारी समिति को पिछले 10 साल से भेजीपदर में संचालित किया जा रहा है। बस इसी बात को लेकर लोग नाराज हैं। लोगों का कहना है कि या तो कंडेकेला में वापस सहकारी समिति खोल दिया जाए या नया खरीदी केंद्र खोल दिया जाए। इस वजह से सुबह 8 बजे से ही लोग यहां जमा हो गए थे। ग्रामीण इस बात से भी नारज हैं कि उन्हें धान बेचने 3 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।
उधर, जब इस बात का जानकारी पुलिस और राजस्व विभाग की टीम को हुई तब वे भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस की टीम ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की। लेकिन वे नहीं माने। इस बीच लोगों की पुलिस से बहस शुरू हो गई। इसके बाद लोगों ने पुलिस पर पत्थर से हमला करना शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस की टीम मौके से भागने लगी। ग्रामीणों के चक्काजाम की वजह से हाईवे में दोनों तरफ से गाडिय़ों की लंबी कतारें लग गईं थीं। इस वजह से दोपहर के वक्त पुलिस की टीम ग्रामीणों को समझाने गई थी। उस वक्त लोग जमीन पर बैठे थे। मगर पुलिस ने उन्हें उठाना शुरू कर दिया। इसके बाद से ही यह बवाल शुरू हुआ है।
वहीं गुस्साई भीड़ ने पुलिस वाहन को भी पलट दिया है। आस-पास खड़ी कई गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ की है। पुलिस के सीनियर अधिकारियों ने उन्हें किसी तरह से वहां से खदेड़ा है। जिसके बाद भीड़ मौके से 8 किलोमीटर दूर अमलीपदर थाने का घेराव करने गई है। ग्रामीणों का कहना है कि अब हम थाने का भी घेराव करेंगे। पुलिस कर्मियों ने हमारी मां-बहन के साथ मारपीट की है।