पढ़ाई से बेवफाई कर अपराध की दुनिया में बेताज बादशाह बनने का ख्वाब बुनने वाले गैंगस्टर विकास लगरपुरिया की खौफ भरी कहानी किसी फिल्मी दुनिया से कम नहीं है। सबसे ज्यादा सुर्खियों में विकास उस वक्त आया जब गुरुग्राम में 30 करोड़ रुपए कैश चोरी की वारदात हुई।
जिसमें डॉक्टर, IPS व गैंगस्टर के गठजोड़ की बात निकलकर सामने आई। विकास को दुबई से भारत डिपोर्ट किया गया। जिसके बाद कल उसे दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरते ही गिरफ्तार कर लिया गया। वह गुरुग्राम में चोरी के केस में हरियाणा STF के पास 10 दिन के रिमांड पर है।
2009 में पढ़ाई छोड़ अपराध करने उतरा
दरअसल,
दिल्ली से सटे झज्जर जिले के कस्बा बहादुरगढ़ के गांव लगरपुर का रहने वाला
विकास मिडिल क्लास फैमिली से संबंध रखता है। शुरुआती पढ़ाई उसने बहादुरगढ़
में ही की। 12वीं पास करने के बाद वह दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के रामलाल
कॉलेज में पढ़ने चला गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विकास पढ़कर पुलिस अफसर बनना चाहता था। मगर, वर्ष 2009 में वह पढ़ाई के दौरान ही गैंगस्टर धीरपाल उर्फ काणा से इतना प्रभावित हुआ कि कॉलेज ड्रॉप आउट कर अपराध की दुनिया में उतर गया। उस वक्त गैंगस्टर धीरपाल की तूती बोलती थी।
16 साल की उम्र में पहली वारदात
बताया
जाता है कि 16 साल की उम्र में विकास ने चोरी की पहली वारदात की। इसके बाद
मारपीट, छीनाझपटी की वारदातें करने लगा। साथ ही वह गैंगस्टर धीरपाल की
गैंग में शामिल हो गया।
देखते ही देखते उसने दिल्ली और साथ लगते हरियाणा में एक बाद एक वारदातें करनी शुरू कर दी। इसके बाद विकास के नाम के साथ उसके गांव लगरपुर का नाम जुड़ गया और अपराध की दुनिया में उसे विकास लगरपुरिया के नाम से जाना जाने लगा।
टिंकू और गप्पू की हत्या के बाद फैलाई सनसनी
शुरुआत
में छोटे-मोटे अपराध करने वाला विकास लगरपुरिया वर्ष 2012 तक बढ़ा कुख्यात
अपराधी बन चुका था। उसने अप्रैल 2012 में गैंगस्टर धीरपाल के दुश्मन टिंकू
को घर में घुसकर गोलियों से छलनी कर दिया था।
इसी साल उसने एक और बड़ी वारदात करते हुए गप्पू पहलवान को 20 गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया था। कहा जाता है कि इस वारदात को अंजाम देने से पहले विकास ने गप्पू की गर्लफ्रेंड की रेकी की और जिस दिन गप्पू गर्लफ्रेंड से मिलने आया, उसी वक्त उसे मार दिया। अब अपराध जगत में विकास लगरपुरिया के नाम की सनसनी फैल चुकी थी। हर कोई उसके नाम से खौफ खाने लगा।
पैरोल पर आकर भागा दुबई
साल
2014 तक विकास हरियाणा के अलावा दिल्ली पुलिस के लिए भी सिरदर्द बन चुका
था। उसके आपराधिक रिकॉर्ड में 24 मामले दर्ज हो चुके थे। उसने दिल्ली के
नजफगढ़ इलाके में एक व्यापारी से 16 करोड़ रुपए की रंगदारी वसूल कर सनसनी
फैला दी थी। बाद में उसे दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
उस पर मकोका के तहत केस भी दर्ज कर लिया। बाद में वह हरियाणा के गुरुग्राम स्थित भोंडसी जेल में बंद हो गया। वर्ष 2015 में अपने परिवार के किसी सदस्य की बीमारी का हवाला देकर पैरोल पर बाहर आया तो फिर फर्जी पासपोर्ट के जरिए दुबई भाग गया।
30 करोड़ की चोरी का बाद फिर सुर्खियों में आया
विदेश
भागने के बाद 6 साल तक अपराध जगत में विकास लगरपुरिया गुमनाम बना रहा,
लेकिन वर्ष 2021 अगस्त में फिर से उसकी एंट्री हुई और उसने ऐसी खलबली मचाई
की पुलिस महकमे से लेकर चारों तरफ हड़कंप मचा दिया। मामला गुरुग्राम जिले के
खेड़की दौला थाना एरिया में चोरी का था।
सेक्टर-84 स्थित अल्फाजी कार्प मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के ऑफिस से कैश चोरी का था। शुरुआत में कर्मचारी ने महज 50 हजार रुपए की चोरी बताई थी, लेकिन जब लगरपुरिया गैंग के तीन बदमाश पकड़े गए तो पता चला कि यह चोरों करोड़ों रुपए कैश की है।
2 डॉक्टर, IPS और बदमाश का गठजोड़
करोड़ों
रुपए की चोरी का मामला अब एसटीएफ के पास पहुंच चुका था। एसटीएफ ने जांच की
तो कई चौंकाने वाले नामों का खुलासा हुआ। पता चला कि वारदात का
मास्टरमाइंड विकास लगरपुरिया है। उसने ही अपनी गैंग के जरिए इस वारदात को
अंजाम दिलवाया और इसमें 2 डॉक्टर और उस वक्त मानेसर के DCP रहे आईपीएस
ऑफिसर धीरज सेतिया की भूमिका भी सामने आई।
साथ ही दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल का एक कर्मचारी भी इसमें शामिल पाया। इस वारदात में अब तक 19 आरोपी गिरफ्तार हो चुके है। आईपीएस ऑफिसर धीरज सेतिया फिलहाल हाईकोर्ट से जमानत पर है।
जिगरी दोस्त पुलिसकर्मी को भी वारदात में मिलाया
बताया
जाता है कि विकास और खास दोस्त विकास गुलिया दोनों एक ही गांव लगपुर का
रहने वाला है। विकास गुलिया पढ़ लिखकर दिल्ली पुलिस में भर्ती हो गया। विकास
की तरफ लगरपुरिया भी पुलिस ऑफिसर बनना चाहता था, लेकिन इससे पहले ही वह
अपराध की दलदल में फंस गया।
विदेश भागने के बाद भी वह अपने दोस्त पुलिसकर्मी विकास गुलिया के टच में रहा और गुरुग्राम में करोड़ों रुपए की चोरी की वारदात में उसे भी शामिल कर लिया।