पटना: जाति आधारित गणना के बाद जातियों के नाम पर उन्माद फैलाने और लोगों को उकसाने वालों पर पुलिस मुख्यालय नजर रख रहा है। इंटरनेट मीडिया पर ऐसे पोस्ट करने वालों पर पुलिस मुख्यालय की इंटरनेट मीडिया यूनिट नजर रख रही है।
पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने सोमवार को यह जानकारी दी। इंटरनेट मीडिया पर कई यूट्यूब और फेसबुक पर जातियों के नाम पर उन्माद फैलाने वाला पोस्ट किए जाने के सवाल पर एडीजी ने कहा कि ऐसे लोगों से पुलिस सख्ती से निबटेगी। इंटरनेट मीडिया पर उन्माद की कोशिश जाति के नाम पर हो या किसी अन्य के नाम पर इसकी 24 घंटे निगरानी की जा रही है।
तगड़ा एक्शन लिया जाएगा
ऐसे लोगों को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आगामी पर्व-त्योहार को लेकर भी इंटरनेट मीडिया पर साइबर पेट्रोलिंग हो रही है। जिलों को भी अलर्ट किया गया है।
नवादा में देहाती क्षेत्र के बगीचे से बैठकर साइबर ठगी कर रहे युवाओं को लेकर पूछे गए सवाल पर एडीजी मुख्यालय ने कहा कि आर्थिक अपराध इकाई की टीम इस मामले में कार्रवाई कर रही है। नवादा, नालंदा और शेखपुरा व आसपास के इलाके साइबर ठगों के हाट-स्पाट हैं। पुलिस की कार्रवाई के बाद ऐसा लगता है कि वह शहरी से ग्रामीण इलाकों में शिफ्ट हो रहे हैं, उन पर भी निगरानी रखी जा रही है।
उन्होंने साइबर अपराध की दुनिया में आने वाले युवाओं से अपील करते हुए कहा कि ऐसा युवा तकनीक का इस्तेमाल समाज की भलाई के लिए सकारात्मक चीजों में करें। अगर कोई परेशानी या मार्गदर्शन चाहितए तो जिले के एसपी से भी मिलकर अपनी बात रख सकते हैं।
शव को नहर में फेंकना अमानवीय, ओपी प्रभारी को भी शो-काज : एडीजी
मुजफ्फरपुर के फकुली में पुलिसकर्मियों के द्वारा अज्ञात अधेड़ के शव को नहर में फेंकने की घटना को एडीजी मुख्यालय ने अमानवीय बताते हुए सख्त कार्रवाई की बात कही है। एडीजी ने कहा कि इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित घटना से जुड़े वीडियो में तीन पुलिसकर्मी दिख रहे हैं।
इनमें चालक सिपाही को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। दो होमगार्ड के जवानों को ड्यूटी से हटाते हुए बर्खास्त करने की कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में फकुली ओपी प्रभारी से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। पूरे मामले की जांच वरीय अधिकारी कर रहे है, जिसके बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी। अभी तक शव की पहचान नहीं हो पाई है। शव के शेष हिस्से का पोस्टमार्टम कराया गया है।
शराब छापेमारी के दौरान मौत की जांच करेंगे मजिस्ट्रेट
सारण के कोपा में मद्य निषेध टीम की कार्रवाई के दौरान ग्रामीण सुरेश सिंह की मौत के मामले की जांच मजिस्ट्रेट के स्तर से की जाएगी। एडीजी मुख्यालय ने बताया कि छह अक्टूबर को छापेमारी के दौरान ग्रामीणों ने छापेमारी करने गई उत्पादकर्मियों को बंधक बना लिया था।
उनका आरोप था कि उत्पादकर्मी की पिटाई के कारण ग्रामीण सुरेश सिंह की मौत हुई है। इस मामले में कोपा थाने में कांड दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। वहीं पुलिस के स्तर से भी बंधक बनाने व मारपीट करने को लेकर कांड दर्ज किया गया है।
इसके अलावा सात अक्टूबर को गोपालगंज के कटैया में बाइक से शराब लेकर जा रहे युवक की मौत पुलिस को देखकर भागने के क्रम में हो गई थी। युवक की बाइक दीवार से टकरा गई। मृतक की पहचान कुशीनगर के पंकज कुशवाहा के रूप में हुई है।