जमालपुर (मुंगेर)। तत्काल मतलब इमरजेंसी। इमरजेंसी सिर्फ स्वास्थ्य विभाग में ही नहीं रेलवे में भी है। अंतर बस इतना है कि रेलवे में तत्काल का मतलब रेल टिकट से है और स्वास्थ्य विभाग में बीमारी से। अभी रेलवे वाला तत्काल ने यात्रियों की परेशानी बढ़ा दी है। घंटों प्रतिक्षा के बाद कुछ को तत्काल में कंफर्म टिकटें मिल जा रही है तो कई मायूस होकर लौट जा रहे हैं।
दरअसल, महापर्व छठ पर्व में शामिल होने के लिए लोग किसी तरह घर तो पहुंच गए, पर वापसी में ट्रेन में आरक्षण नहीं मिलने के कारण परदेसियों की परेशानी बढ़ गई है। पर्व संपन्न होने के बाद लोग अपने रोजगार, नौकरी पर जाने के लिए परेशान हैं। ऐसे में ट्रेनों में आरक्षण नहीं मिलना बड़ी बाधा है।
इस बाधा को पार करने के लिए यात्री घंटों तक इंतजार कर रहे हैं पर सफलता सभी को नहीं मिल रही है। बुधवार की रात रात का रिपोर्टर जमालपुर स्टेशन पर तत्काल टिकट के लिए कतार में खड़े यात्रियों की परेशानियों से रूबरू हुई। आरक्षण काउंटर के बाहर तत्काल टिकट लेने के लिए यात्री रात आठ बजे से ही पहुंचने लगे।
तत्काल टिकट 23 की सुबह 10 और 11 बजे से कटती है। इस कारण यात्री एक कागज में अपना नाम दर्ज कराते दिखे। पर्चा में नाम लिखने के बाद रात आठ बजे से ही सुबह के 10-11 बजे तक आरक्षण काउंटर के पास नंबर लगाकर खड़ा रहने की बात कहीं। यहां बता दें कि जमालपुर से दिल्ली का सफर तय करने में विक्रमशिला एक्सप्रेस से 17 घंटे का समय लगता है, पर यहां कंफर्म तत्काल टिकट के लिए 13 से 14 घंटें तक इंतजार करना पड़ रहा है।
हर रूट की ट्रेनों में कंफर्म बर्थ नहीं
जमालपुर जंक्शन होकर दिल्ली के लिए आठ ट्रेनें हैं। इसी तरह हावड़ा के लिए चार ट्रेनें है। मुंबई के लिए सप्ताह में पांच दिन ही ट्रेन है। सभी ट्रेनों में कंफर्म टिकट नहीं है। लंबी दूरी की ट्रेनों में टिकटों की स्थिति वेटिंग है। ऐसे में लोगों को जाने के लिए तत्काल ही सहारा है। एसी श्रेणी में सफर करने के लिए तत्काल की टिकटें ट्रेन के खुलने से एक दिन पहले सुबह 10 बजे से और स्लीपर क्लास में सुबह 11 बजे से कटती है। यात्री टिकट कटने के एक दिन पहले ही आरक्षण काउंटर पर पहुंच रहे हैं। नंबर भी लगा रहे हैं, लेकिन कई यात्रियों को टिकटें नहीं मिल रही है।
सीन-1- रात 10 बजे
बुधवार की रात 10 बजे रात का रिपोर्टर जमालपुर स्थित आरक्षण टिकट काउंटर पहुंचा। टिकट काउंटर के कुछ लोग गहरी नींद में सोए थे। कुछ देर बाद जगाने के बाद एक यात्री उठा और बताया कि सभी नौ बजे से ही तत्काल टिकट के लिए नंबर लगाया है। अगले दिन यानी गुरुवार की सुबह 10 बजे से एसी और 11 बजे स्लीपर क्लास की टिकटें मिलेगी।
सीन-2 सुबह 7.50 बजे
गुरुवार की सुबह 7.50 बजे। काउंटर के बाहर तत्काल टिकट कटाने वालों की भीड़ है। काउंटर अभी नहीं खुला है। आठ बजे काउंटर खुलने का समय है। इस बीच कुछ यात्री आपस में भीड़ गए। आरपीएफ भी पहुंची। रात की तुलना में यात्रियों की भीड़ सुबह में ज्यादा है। सभी को कतारबद्ध कराया गया। काउंटर खुलने के बाद टिकटें मिलीं।
सीन-3 सुबह 10 बजे
गुरुवार की सुबह 10 बजे। तत्काल काउंटर पर एसी श्रेणी की टिकटें कट रही थी। शुरुआत के नंबर वाले कुछ यात्रियों की टिकटें कटी भी। छह नंबर के बाद वाले यात्री काउंटर पर पहुंचे तो संबंधित ट्रेन की टिकटें फुल हो गई थी। ऐसे में यात्री निराश होकर लौट गए। अब शुक्रवार को भी फिर से तत्काल की टिकटें कटाने के लिए प्रयास करेंगे।
तत्काल काउंटर पर नंबर यात्री खुद अपना नाम लिखते हैं। उनकी उपस्थिति काउंटर पर रहना अनिवार्य है। आरपीएफ कतारबद्ध कराकर टिकटें कटवाती है। काउंटर पर किसी तरह का हंगामा न हो इसके लिए आरपीएफ पूरी तरह सक्रिय रहती है। तत्काल के समय जवान काउंटर के पास हर दिन रहते हैं। आरक्षण क्लर्क ही नंबर चार्ट पर मुहर लगाता है। – मुकेश कुमार सेप्ट, इंस्पेक्टर, आरपीएफ
इन महत्वपूर्ण ट्रेनों में नवंबर तक जगह नहीं
भागलपुर-आनंद विहार टर्मिनल विक्रमशिला एक्सप्रेस
भागलपुर-एलटीटी सुपर फास्ट एक्सप्रेस
जमालपुर-हावड़ा सुपर एक्सप्रेस
मालदा-दिल्ली फरक्का एक्सप्रेस
कामख्या-दिल्ली ब्रह्मपुत्र मेल
भागलपुर-आनंद विहार गरीब रथ एक्सप्रेस
गया-हावड़ा एक्सप्रेस
गोड्डा-नई दिल्ली हमसफर एक्सप्रेस
गोड्डा-रांची एक्सप्रेस
मालदा-नई दिल्ली द्विसाप्ताहिक एक्सप्रेस