रुड़की। लिब्बरहेड़ी चीनी मिल को फिर से जोर का झटका लगा है। दीपावली के दिन चीनी मिल में गन्ने की बेहद कम आापूर्ति रही है, जिसकी वजह यार्ड खाली पड़े हुए है। वहीं सोमवार को भी चीनी मिल में कम मात्रा में ही गन्ना पहुंचा है। चीनी मिल के अधिकारियों ने किसानों के खेतों की दौड़ लगाना शुरू कर दिया है। गन्ने की कमी होने के पीछे इस बार प्रति हेक्टेयर उत्पादन कम होना एवं तोल केंद्रों के आवंटित नहीं होने को बताया जा रहा है।
अमूमन हर साल पेराई सत्र की शुरुआत में गन्ना खरीद को लेकर जबरदस्त मारामारी रहती है। कई बार तो स्थिति यह हो जाती है कि किसानों को एक ट्राली गन्ना तुलवाने में 24-24 घंटे का इंतजार करना पड़ता था लेकिन इस बार किसानों के बजाए चीनी मिल प्रबंधन की परेशानी बढ़ गई है। चीनी मिलों में पर्याप्त मात्रा में गन्ना नहीं पहुंच पा रहा है।
चार नवंबर से चालू है मिल
लिब्बरहेड़ी चीनी मिल की बात की जाए तो चीनी मिल की पेराई क्षमता 80 हजार क्विंटल प्रतिदिन की हैं। चार नवंबर से चीनी मिल चालू हैं। चीनी मिल को अब तक एक भी दिन पेराई क्षमता के अनुसार गन्ना नहीं मिल पाया है। इसकी वजह से मिल प्रबंधन परेशान है।
दीपावली के दिन भी चीनी मिल में मात्र 25 हजार क्विंटल गन्ना ही पहुंचा है। सोमवार को भी चीनी मिल का यार्ड खाली पड़ा हुआ है। परेशान चीनी मिल प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों को गांव में भेजकर किसानों को जल्द से जल्द गन्ना आपूर्ति करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
इस संबंध में लिब्बरहेड़ी चीनी मिल के महाप्रबंधक गन्ना अनिल कुमार सिंह ने बताया कि इस बार चीनी मिल की ओर से जितना इडेंट जारी किया जा रहा हैं, उसके अनुरूप गन्ने की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
क्रय केंद्र की मांग को लेकर किया प्रदर्शन
अकबरपुर झोझा, लाठरदेवा, नगला कुबड़ा, फाजलपुर आदि गांव के किसानों ने सोमवार को प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि पांच साल से उनके यहां पर उत्तम चीनी मिल लिब्बरहेडी का क्रय केंद्र लग रहा था। किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं थी। तब किसानों ने इकबालपुर मिल के भुगतान नहीं देने पर इस क्रय केंद्र को लगवाया था लेकिन इस बार गांव में इकबालपुर चीनी मिल का क्रय केंद्र स्थापित कर दिया गया है।
किसानों को इकबालपुर को जबरन गन्ना डालने के लिए जा रहा है। उन्होंने मांग उठाई कि तत्काल लिब्बरहेड़ी चीनी मिल का क्रय केंद्र स्थापित किया जाए। ऐसा नहीं होने की स्थिति में किसान आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। इस मौके पर शकील अहमद, हुसैन अहमद, इमरान मुखिया आदि मौजूद रहे।