पटना। राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बिहार में अखबारों का विज्ञापन रोककर एवं डराकर भाजपा की खबर को रोकने का आरोप लगाया है। मोदी गुरुवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बिहार को प्रतिवर्ष 20 हजार करोड़ रुपये बालू व शराब के अवैध कारोबार से हो रहे राजस्व नुकसान पर चिंता जताई। सुशील मोदी ने विशेष राज्य के दर्जा की मांग पर महागठबंधन सरकार को घेरा।
उन्होंने महागठबंधन सरकार की ओर विशेष राज्य का दर्जा मांगने पर 75 वर्ष तक बिहार में राज करने वाली कांग्रेस, राजद एवं जदयू को कई बिंदुओं पर चुनौती दी। साथ ही बिहार की जनता को भ्रमित करने का आरोप लगाया है। लालू-नीतीश से पूछा कि कांग्रेस को समर्थन देकर केंद्र सरकार में चलाते समय क्यों नहीं बिहार को विशेष दर्जा दिलाए। नीतीश गांधी मैदान और रामलीला मैदान में रैली करने के बावजूद क्यों असफल रहे।
‘…मरे हुए घोड़े पर नीतीश कुमार कितना भी चाबुक चलाएं’
उन्होंने कहा कि जदयू के पूर्व सांसद एनके सिंह भी वित्त आयोग के अध्यक्ष रहते हुए भी बिहार की मांग को खारिज कर दिया था। 2002 के बाद देश में किसी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया। 14वें वित्त आयोग ने ‘विशेष राज्य’ की अवधारणा को ही अमान्य कर दिया है और अब किसी भी राज्य को विशेष दर्जा नहीं दिया जा सकता। अब इस मुद्दे पर बिहार सरकार का कैबिनेट से पारित प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजना सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट है। इस मरे हुए घोड़े पर नीतीश कुमार कितना भी चाबुक चलाएं, घोड़ा दौड़ने वाला नहीं।
सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार को विशेष आर्थिक पैकेज देकर विशेष दर्जा से कई गुना अधिक मदद कर रहे हैं, लेकिन राजद-जदयू के नेता यह स्वीकार नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार और लालू प्रसाद केंद्र सरकार में ताकतवर मंत्री रहे, तब इन लोगों ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिलवाया?
‘…बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दे दिया?’
सुशील मोदी ने कहा कि महागठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस बताए कि 2004 से 2014 तक मनमोहन सिंह की सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दे दिया? उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की पहल पर यूपीए सरकार के वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने जो रघुरामराजन कमेटी गठित करायी थी, उसने भी विशेष राज्य की मांग को खारिज कर दिया था।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि जब नीतीश कुमार केंद्र के विरोधी खेमे में रहते हैं, तब चुनाव निकट देख कर केंद्र को बदनाम करने के लिए विशेष दर्जे की मांग पर राजनीति शुरू कर देते हैं। उन्होंने कहा कि एक लाख करोड़ से अधिक राशि खर्च कर बिहार में जो आधा दर्जन से ज्यादा मेगा ब्रिज और 4-लेन, 6-लेन सड़कों का नेटवर्क तैयार हो रहा है, वह विशेष दर्जा मिलने से कम नहीं है। यहां जो भी बड़ा ढांचागत विकास हुआ, वह विशेष आर्थिक पैकेज और केंद्र की सहायता से संभव हुआ। इससे बिहार के हजारों परिवारों को रोजगार मिला। मोदी ने कहा कि विशेष दर्जा के बिना विशेष केंद्रीय पैकेज से राज्य के 2.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ गए। केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में बिहार को उत्तर प्रदेश के बाद सबसे ज्यादा 1.02 लाख करोड़ की राशि मिलती है।