ताइपे: ताइवान को अमेरिका में बनीं एफजीएम-148 जैवलिन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) का इंतजार है। यह वही हथियार है जिसने रूस और यूक्रेन की जंग में रूसी सेना के छक्के छुड़ा दिए हैं। ताइवान का मकसद इन मिसाइलों की मदद से चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के बख्तरबंद गाड़ियों और सैनिकों ले जानी वाली खास तरह की नावों को निशाना बनाना है। ताइवान अपनी सेनाओं को इस खतरनाक हथियार से लैस करना चाहता है। अगस्त 2022 से ही चीन और ताइवान के बीच तनाव जारी है।
ताइवान की मीडिया की रिपोर्ट में मिलिट्री सूत्रों हवाले से इस हथियार के बारे में जानकारी दी है। सूत्रों की मानें तो राष्ट्रपति साई इंग-वेन अमेरिका की यात्रा पर हैं। उनकी यात्रा चीन के साथ जारी टेंशन के बीच हो रही है। अप्रैल 2022 में, ताइवान के पास लगभग 1,000 ऐसी मिसाइलें थीं और वह अमेरिका से 400 और मिसाइलों के मिलने का इंतजार कर रहा है। माना जा रहा है कि इस साल की दूसरी छमाही और 2024 की शुरुआत में इसकी डिलीवरी शुरू हो जाएगी। ताइवान की सेना को साल 2022 के अंत तक 42 लॉन्चर मिले हैं।
ताइवान की सेना पहले से ही इस मिसाइल के तीसरे वर्जन का प्रयोग कर रही है। अभी यह साफ नहीं हो सका है कि जो नई खेप ताइवान को मिलने वाली है, वह एडवांस्ड है या नहीं। इन हथियारों की बिक्री सन् 2019 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से दी गइ मंजूरी के तहत होगी। इस मंजूरी में ताइवान को मिलने वाली टो 2B-RF वायर-गाइडेड मिसाइल की 1700 यूनिट्स भी शामिल हैं। जेवलिन का वारहेड मॉर्डन टैंकों पर ऊपर से हमला करता है। टैंक के ऊपर सिक्योरिटी कवर काफी कमजोर होता है। इसे ‘टॉप अटैक’ मोड कहा जाता है।
यूक्रेन ने कब तक किया प्रयोग
बिल्डिंग्स और बाकी टारगेट्स को भी इस जैवलिन मिसाइल से निशान बनाया जा सता है। इसकी रेंज 2.5 किलोमीटर है और टॉप-अटैक मोड में, यह 150 मीटर (490 फीट) या डायरेक्ट-फायर मोड में 60 मीटर की अधिकतम ऊंचाई तक पहुंच सकती है। इसमें सटीक हमलों के लिए एक इंफ्रारेड सीकर भी है। यूक्रेन में हालांकि इस मिसाइल का प्रयोग अगस्त 2022 के बाद से नहीं हुआ है। मगर माना जा रहा है कि यूक्रेनी मिलिट्री के पास इस हथियार का जरूरी स्टॉक है। अमेरिका ने आठ अगस्त 2022 तक तक 9.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सुरक्षा सहायता के तौर पर यूक्रेन को 5000 जैवेलिन की सप्लाई की थी। दोनस्तेक क्षेत्र में यूक्रेन की 36वीं मरीन इंफेंट्री ब्रिगेड ने रूस के दो टैंकों और एक इंफ्रेंट्री फाइटिंग व्हीकल (IFV) सहित तीन बख्तरबंद गाड़ियों को उड़ा दिया था।