भारत सरकार देश को सेमीकंडक्टर का हब बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. इसके लिए वह अलग-अलग देशों के साथ अरबों रुपए के डील की मंजूरी दे रही है और भारत में निवेश के लिए जरूरी सभी सुविधाएं भी मुहैया करा रही है. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रसारण राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि भारत में जल्द ही अरबों डॉलर के दो पूर्ण विकसित सेमीकंडक्टर प्लांट लगने वाले हैं. इसके अलावा कई चिप असेंबली और पैकेजिंग यूनिट्स की स्थापना के लिए भी निवेश प्रस्तावित है. दो परियोजनाओं में आठ अरब डॉलर का एक प्रस्ताव इजराइल की टॉवर सेमीकंडक्टर्स का और दूसरा प्रस्ताव टाटा समूह का है.
8 अरब डॉलर का निवेश करेगी टाटा ग्रुप
चंद्रशेखर ने कहा कि मुझे आपको बताते हुए खुशी हो रही है और शायद आप पहले व्यक्ति हैं, जिन्हें मैं यह बात रहा हूं. जल्द ही भारत में दो पूर्ण विकसित फैब आने वाले हैं. ये 65, 40 और 28 नैनोमीटर टेक्नोलॉजी में कई अरब के फैब होंगे. हम कई अन्य प्रस्तावों का भी मूल्यांकन कर रहे हैं.’ वह टावर सेमीकंडक्टर द्वारा पेश आठ अरब डॉलर के निवेश प्रस्ताव और भारत के सेमीकंडक्टर योजना की स्थिति पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे.
तीसरे कार्यकाल में मिलेगी मंजूरी
मंत्री ने कहा कि अगर आगामी आम चुनाव से पहले इन्हें मंजूरी नहीं मिली तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में इस परियोजना को मंजूरी दे दी जाएगी.सरकार को सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने के लिए चार और चिप असेंबली, रिसर्च सेंटर, मॉनिटरिंग और पैकेजिंग (एटीएमपी) यूनिट्स के लिए 13 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. ये प्रस्ताव अमेरिका की मेमोरी चिप विनिर्माता माइक्रोन द्वारा गुजरात में स्थापित किए जा रहे 22,516 करोड़ रुपये के चिप असेंबली प्लांट के अतिरिक्त हैं.
क्या है टाटा ग्रुप का प्लान?
टाटा संस ने ET को बताया कि वो जल्द ही सेमीकंडक्टर एसेम्बली टेस्टिंग का बिजनेस शुरू करने जा रहा है. बता दें कि टाटा ग्रुप ने 2020 में इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स की ग्रीनफील्ड मैन्युफैक्चरिंग के लिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को लॉन्च किया था. टाटा के सूत्रों के मुताबिक, कंपनी तमिलनाडु के वेस्टर्न डिस्ट्रिक्ट कोयंबटूर में जमीन लेने की तैयारी कर रही है. जमीन लेने के बाद कंपनी अपने अगले कदम की तरफ आगे बढ़ेगी.
टाटा समूह की सहायक कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने 2021 में तमिलनाडु सरकार के साथ 4,684 करोड़ रुपये के निवेश के साथ फोन के पार्ट्स बनाने की यूनिट के लिए एक मोमेरंडम साइन किया है. टाटा के इस अहम कदम से 18,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने की भी उम्मीद है.अगर टाटा का ये प्लान सफल हो जाता है तो ये तमिलनाडु में एक तीसरी सबसे बड़ी मोबाइल के पार्ट्स बनाने वाली कंपनी हो जाएगी। फिलहाल तमिलनाडु में ताइवान की फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन की सुविधाएं भी लोगों को मिल रही हैं.