नई दिल्ली: पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने इस साल जनवरी में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी थी, लेकिन इसके लिए अभी तक तीन सदस्य पैनल का गठन नहीं हुआ है. ऐसे में केंद्रीय कर्मचारी 8वें वेतन आयोग के गठन का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच खबर आई है कि 8वां वेतन आयोग अपेक्षित फिटमेंट फैक्टर से कम का प्रस्ताव कर सकता है.




विचार-विमर्श में शामिल दो कर्मचारी यूनियन नेताओं के अनुसार अगर केंद्र महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिला देता है, तो 8वां वेतन आयोग शुरू में अपेक्षित फिटमेंट फैक्टर से कम का प्रस्ताव कर सकता है, जबकि स्टाफ फॉरम ने 2.57 से 2.86 की सीमा में फिटमेंट फैक्टर की मांग की है.
कम हो सकता है फिटमेंट फैक्टर
मामले से अवगत लोगों ने संकेत दिया कि अगर डीए और बेसिक सैलरी के विलय को आधिकारिक मंजूरी मिल जाती है, तो 8वां वेतन आयोग एक ऐसे मल्टीप्लिकेशन यूनिट की सिफारिश कर सकता है, जो काफी कम हो.
एनडीटीवी प्रॉफिट ने एक अधिकारी के हवाले से कहा है कि अगर केंद्र सरकार महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिला देती है तो फिटमेंट फैक्टर को लेकर हाल ही में न्यूज रिपोर्टों में जो बात की गई है, उससे कम हो सकता है.
गौरतलब है कि फिटमेंट फैक्टर सरकारी कर्मचारियों के वेतन और रिटायर हो चुके कर्मचारियों की पेंशन को रिवाइज करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाला मल्टीप्लायर है. 2016 में 7वें वेतन आयोग ने वेतन और पेंशन को संशोधित करने के लिए 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया था.
5वें वेतन आयोग तक चला नियम
बता दें कि 1996 से 2006 तक चले 5वें वेतन आयोग के तहत यह नियम था कि जब मुख्य भत्ता 50 प्रतिशत से अधिक हो जाता है तो बेसिक सैलरी को डीए के साथ मिला दिया जाता है. तदनुसार, सरकार ने 2004 में डीए को मूल वेतन के साथ एकीकृत कर दिया था. हालांकि, 2006 से 2016 तक लागू किए गए छठे वेतन आयोग ने इस नियम को समाप्त कर दिया था.
DA में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी
पिछले सप्ताह डीए में 2 प्रतिशत वृद्धि के बाद यह मूल वेतन का 55 प्रतिशत हो गया है. अगर इसका 50 प्रतिशत मूल वेतन में मिला दिया जाए – जैसा कि कर्मचारी मंचों द्वारा मांग की गई है – तो 8वें वेतन आयोग के लागू होने से पहले ही न्यूनतम मूल वेतन 18 हजार रुपये से बढ़कर 27 हजार रुपये हो सकता है. इसके अलावा वेतन पैनल द्वारा अनुशंसित फिटमेंट फैक्टर को संशोधित मूल वेतन में गुणा किया जाएगा, जिससे वेतन में तेज वृद्धि होगी.
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्रालय ने पिछले महीने संसद में स्पष्ट किया था कि वह वर्तमान में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मूल वेतन के साथ डीए को एकीकृत करने के किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रहा है. हालांकि, मामले से अवगत यूनियन नेताओं ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने विलय को पूरी तरह से खारिज नहीं किया है, बल्कि केवल इतना कहा है कि इस तरह का प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है.
