नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टर के पास कम मात्रा में मिली दवाई मामले में दर्ज केस को निरस्त कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि डॉक्टर के पास अगर कम मात्रा में दवाई पाई जाए तो उसके खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत मुकदमा नहीं बनेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि डॉक्टर के पास अगर कम मात्रा में दवाई पाई जाती है तो उसे इस एक्ट के तहत दोषी नहीं माना जा सकता है। तामिलनाडु की एक स्किन स्पेशलिस्ट के खिलाफ दर्ज केस को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उक्त व्यवस्था दी है। गौरतलब है कि बिना लाइसेंस दवाई का स्टॉक करना जुर्म है और उसके लिए सजा का प्रावधान है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि डॉक्टर के पास अगर कम मात्रा में ड्रग्स पाया जाता है तो उस पर अवैध स्टॉक करने का केस नहीं बनता है। एक रजिस्टर्ड डॉक्टर के परिसर में थोड़ी दवाई पाई जाए यो उसे ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत अपराध नहीं माना जाएगा और यह नहीं माना जाएगा कि बिना लाइसेंस उसने बेचने के लिए मेडिसीन अपने पास रखा हुआ है। तामिलनाडु बेस्ड एक स्किन स्पेशलिस्ट के खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया किया गया था। याची डॉक्टर चेन्नई में मेडिकल प्रैक्टिनर हैं और वह मेडिकल कॉलेज में असोसिएट प्रोफेसर भी हैं। उनके घर 2016 में ड्रग्स इंस्पेक्टर ने इंस्पेक्शन किया और उनके घर कुछ मेडिसीन बरामद किए गए।