आगरा। यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा ने शहर में हृदय स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए वॉकाथॉन का आयोजन किया। ‘चलता_रहे_मेरा_दिल’ शीर्षक से आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में हृदय रोगों की बढ़ती समस्या पर प्रकाश डालना और सरल जीवनशैली में बदलावों के जरिए हृदय स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाना था।
इस वॉकाथॉन का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रबंध निदेशक यथार्थ ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स डॉ. कपिल त्यागी, विशिष्ट अतिथि यूपी लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष राकेश गर्ग, प्रिंसिपल और डीन एसएन मेडिकल कॉलेज प्रशांत गुप्ता, डॉ. राकेश त्यागी (अध्यक्ष स्वामी विवेकानन्द हेल्थ मिशन सोसाइटी, एमडी गैलेक्सी एंड सिनर्जी हॉस्पिटल), डॉ. चीनू अग्रवाल मनोवैज्ञानिक व मनोचिकित्सक (निदेशक फीलिंग माइंड्स), डॉ. आरके चुग एसोसिएट मुख्य चिकित्सा अधिकारी एनसीआर रेलवे, डॉ. अनूप दीक्षित अध्यक्ष निर्वाचित आईएमए ने किया। वॉकाथॉन आगरा कॉलेज से प्रारंभ होकर सेंट जॉन्स सर्कल तक गया और पुनः आगरा कॉलेज पर समाप्त हुई।
इस आयोजन में 1200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें स्थानीय आवासीय सोसायटियों के निवासी और वरिष्ठ नागरिक शामिल थे। सभी उपस्थित प्रतिभागियों को नि:शुल्क टी-शर्ट और जलपान प्रदान किया गया, साथ ही विजेताओं को साइकिल जैसे आकर्षक पुरस्कार भी दिए गए। इसके अलावा, सभी प्रतिभागियों को हृदय स्वास्थ्य जांच के लिए मुफ्त कूपन भी वितरित किए गए। वॉकाथॉन के बाद ज़ुम्बा सत्र का आयोजन किया गया और ‘हृदय स्वास्थ्य’ पर एक इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया गया, जिसे यथार्थ अस्पताल के डॉ कृष्ण यादव- वरिष्ठ सलाहकार हृदय रोग विशेषज्ञ और डॉ सईद – वरिष्ठ सर्जन कार्डियो थोरेसिक सर्जन (सीटीवीएस) ने संबोधित किया। चर्चा में नियमित शारीरिक गतिविधि, संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली के महत्व को हृदय रोगों की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण बताया गया इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. कपिल त्यागी – प्रबंध निदेशक यथार्थ ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, ने कहा “हृदय रोगों के मामले बढ़ रहे हैं, जिसका मुख्य कारण खराब और निष्क्रिय जीवनशैली है, और यह चिंताजनक है कि कई भारतीय अभी भी हृदयाघात के शुरुआती लक्षणों से अनभिज्ञ हैं। इस तरह के सार्वजनिक आयोजन, जैसे यह वॉकाथॉन, जागरूकता फैलाने और लोगों को हृदयाघात की रोकथाम व इससे बचाव के तरीकों के बारे में शिक्षित करने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। हृदय रोग अब केवल बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं है। हम मध्य आयु वर्ग के लोगों में भी हृदय रोगों के मामलों में वृद्धि देख रहे हैं, जिसका मुख्य कारण धूम्रपान, शराब का सेवन, खराब आहार, और शारीरिक गतिविधियों की कमी है। हालांकि हम वंशानुगत स्थितियों को नियंत्रित नहीं कर सकते, लेकिन स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और जागरूक जीवनशैली अपनाकर हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखना संभव है।” रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में 2.8 मिलियन से अधिक लोग हृदय रोग के जोखिम में हैं, जिनमें से अधिकांश इस बात से अनजान हैं कि उनकी लापरवाह आदतें उनके हृदय स्वास्थ्य को खतरे में डाल रही हैं। हृदय रोगों की रोकथाम का सबसे सरल तरीका है निष्क्रिय जीवनशैली और मोटापा, मधुमेह और उच्च रक्तचाप को बढ़ावा देने वाले खानपान से बचना।