मसूरी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मसूरी गोलीकांड की 29वीं बरसी पर शहीद स्थल पहुंचे और शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी. वहीं सीएम धामी ने इस मौके पर शहीदों के परिवारों को शॉल भेंट कर सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए मसूरी गोलीकांड में बेलमती चौहान, हंसा धनई, बलवीर सिंह नेगी, धनपत सिंह, मदन मोहन ममगाईं, राय सिंह बंगारी ने अपने प्राणों की आहुति दे दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के बलिदान के कारण ही हमें उत्तराखंड राज्य मिला.
सीएम धामी ने आगे कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने जिस उद्देश्य से अलग राज्य की मांग की थी, उसके अनुरूप ही राज्य को आगे बढ़ाया जाएगा. जन समस्याओं का समाधान तेजी से हो, इसके लिए हर स्तर पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है. कार्यों में तेजी लाने के लिए प्रक्रियाओं को आसान बनाया जा रहा है. जन सुविधा के लिए सरकार का ध्यान प्रक्रियाओं के सरलीकरण, समाधान और निस्तारण पर है. अधिकारियों को इसके लिए विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीदों और आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बनाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए काम किया जा रहा है. रोजगार के साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. पहाड़ से पलायन रोकने के लिए पहाड़ में छोटे उद्योग स्थापित कर पहाड़ के उत्पादों को बेहतर बाजार दिए जाने को लेकर लगातार काम किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों जिन्हें 3100 रुपये प्रतिमाह पेंशन अनुमन्य की गई है, उनकी मृत्यु के पश्चात उनके आश्रितों, पति/पत्नी को भी 3100 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है. उद्योगों में नौकरी के लिए भी राज्य आंदोलनकारियों को प्राथमिकता के लिए समुचित व्यवस्था की जा रही है. राजकीय अस्पतालों की तरह मेडिकल कॉलेजों में भी राज्य आंदोलनकारियों का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में कई मेडिकल कॉलेज और स्कूल शहीदों के नाम पर रखे जा रहे हैं. वहीं शहीद धनपत सिंह के परिजनों ने उनके पैतृक गांव में सरकारी स्कूल का नाम उनके पिता के नाम पर रखने को लेकर ज्ञापन दिया. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के विकास को लेकर प्रदेश की सरकार, केंद्र की मोदी सरकार के सहयोग से लगातार काम कर रही है, जिससे शहीदों के सपनों वाले उत्तराखंड का निर्माण हो सके.