लाखों की लागत से बने सामुदायिक शौचालय में लगा है ताला सरकारी दस्तावेजों में हैं चालू
- सामुदायिक शौचालय टूटा-फूटा फिर भी ग्राम पंचायत ओडीएफ घोषित
- हैण्डपम्प खराब समर-सेबिल लापता
बांदा
उत्तरप्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन को साकार करने के लिए सरकार द्वारा प्रत्येक गांव में सामुदायिक शौचालय के लिए लाखों का बजट पास किया गया लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के चलते आधे अधूरे शौचालय को कागजों में पूर्ण विकसित कर चालू दिखा दिया गया और महिला समूह से एक केयर टेकर भी नियुक्त कर दिये गये देख रेख के लिए और मानदेय भत्ता भी लगातार दिया जा रहा है ।
मामला बांदा जनपद के महुआ ब्लॉक अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत जरर में लाखों रुपये की लागत से सामुदायिक शौचालय आधा अधूरा बना पडा है और कागजों में पूर्ण निर्माण दिखा चालू कर दिया गया!
वहीं मीडिया ने जब ग्राउड मे जाकर पड़ताल की और देखा तो सामुदायिक शौचालय में ताला पड़ा मिला आस-पास के लोगो से पता करने पर पता चला की यह शौचालय चार वर्ष पूर्व बन गया था लेकिन बंद रहता है सामुदायिक शौचालय मे पानी की टंकी की कोई व्यवस्था नहीं की गई पानी की व्यवस्था न होने के कारण शौचालय आज तक चालू नही हो पाया! जब मामले की जानकारी के लिए अन्य ग्रामीणों से बात की तो उन्होंने बताया की शौचालय से टैंक तक की पाइप लाइन टूटी पड़ी है और पानी के लिए बने हैंडपंप भी खराब पड़ा है जबकि हर वर्ष गर्मी मे प्रत्येक गाव में हैंडपम्प मरम्मत के नाम पर लाखो रुपये का वारा न्यारा हो जाता है! सामुदायिक शौचालय के बाहर लगा हैडपम्प भी खराब पड़ा है और साथ ही सुमरसेबुल मोटर भी गायब है वही नियुक्त केयर टेकर की जानकारी की तो पता चला की केयर टेकर तो नियुक्त है लेकिन कभी कभार आती है कुछ समय रुक कर चली जाती है लेकिन सचिव प्रधान लगातार केयर टेकर को मानदेन दे रहे है।
अब सवाल यह उठता है कि जब चार साल पहले बना सामुदायिक शौचालय जब चालू ही नही है तो मानदेय और मैटेनेंस का पैसा क्यू ? कहीं न कहीं ग्राम प्रधान और सचिव की मिलीभगत से सरकार को गुमराह कर भष्ट्राचार किया जा रहा है ये तो जांच का विषय है इसकी जांच होने चाहिए।
वहीं जब इसकी पुख्ता जानकारी के लिए ग्राम पंचायत अधिकारी लवलेश से बात की गई तो उन्होंने बताया की शौचालय में कोई कमी नहीं है और निरंतर चालू रहता है और वहां नियुक्त केयर टेकर बराबर देख रेख करती है जिसका उसे मानदेय और मेंटीनेंस भत्ता का दिया जा रहा है लेकिन अभी बजट न होने के कारण पिछले तीन महीने से नही दिया गया बाकी इसके पूर्व महीनो का वेतन दिया जा चुका है वहीं जब सचिव को वर्तमान हालात से अवगत कराया गया तो उन्होंने बात को घुमाते हुए बोला की हम प्रधान से बात करते है और दिखाते है।