नई दिल्ली: आजकल अक्सर ऐसा देखा जाता है कि आरोपी गिरफ्तार होने के बाद अचानक बीमार हो जाता है और अस्पताल में भर्ती हो जाता है। कई बार नेताओं के केस में भी देखा जाता है। आपको शायद कोई फिल्मी सीन भी याद आ जाए। इससे होता ये है कि इलाज के दौरान ही पुलिस कस्टडी की मियाद खत्म हो जाती है। इससे पुलिस आरोपी से ठीक तरह से पूछताछ भी नहीं कर पाती है। अब देश की सबसे बड़ी अदालत ने इस बाबत महत्वपूर्ण बात कही है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि ऐसे मामले में जो भी समय इलाज में लगा है उसके एवज में आरोपी से पूछताछ के लिए पुलिस को अतिरिक्त समय दिया जा सकता है।
जांच प्रक्रिया से खेलने की परमिशन नहीं
जस्टिस एमआर शाह और सीटी रवि कुमार की पीठ ने कहा कि किसी भी आरोपी को जांच प्रक्रिया या अदालत की प्रक्रिया से खेलने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि सच्चाई तक पहुंचने के लिए हिरासत में लेकर पूछताछ जांच एजेंसियों के हित में महत्वपूर्ण अधिकार है और किसी आरोपी को न्यायिक प्रक्रिया को फेल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इसके साथ ही कोर्ट ने पश्चिम बंगाल से ताल्लुक रखने वाले कोयला घोटाले में एक आरोपी से पूछताछ करने के लिए अतिरिक्त समय दे दिया।