नगरीय प्रशासन विभाग ई-नगर पालिका पोर्टल-2 ला रहा है। इस पर 200 करोड़ रु. खर्च होंगे। इसमें 24 सुविधाएं ऑनलाइन होंगी। यानी 413 निकायों में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, प्रॉपर्टी टैक्स, मैरिज सर्टिफिकेट जैसे 24 काम घर बैठे हो जाएंगे।
हैरानी की बात ये है कि इन्हीं दावों और 22 सुविधाओं के साथ पांच साल पहले 225 करोड़ रु. खर्च कर ई-नगर पालिका पोर्टल-1 लाया गया था। इससे 16 नगर निगम, 298 नगर परिषद, 99 पालिकाएं जुड़ी थीं, लेकिन इसमें कुछ खामियां रह गईं और अब ये बेकार बताया जा रहा है।
भोपाल नगर निगम ने अपनी सुविधाएं को अपने पोर्टल से शुरू कर दिया है। बड़ा सवाल ये है कि जब पोर्टल-2 में सिर्फ 2 सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं तो फिर पुराने पोर्टल को ही अपग्रेड क्यों नहीं किया जा रहा? करोड़ों की फिजूलखर्ची क्यों हो रही है। जबकि कई निकायों के अपने पोर्टल भी हैं। भास्कर ने जब इस बारे में नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह से पूछा तो उन्होंने कहा कि इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
पहले पोर्टल में सिर्फ 3 खामियां थीं, फिर भी जनता को 22 सुविधाएं मिल रही थीं
पोर्टल-1 मामूली 3 खामियों के कारण बंद
- पोर्टल धीमा बहुत था। उदाहरण के तौर पर लोक अदालत के दौरान 11 बजे तक गति ठीक रहती थी। इसके बाद रसीद काटने में 15 मिनट लगते थे।
- नामांतरण में अगर मनीष की जगह मनीषा हो जाए, तो उसे सही कराने में यूडीएच पर निर्भरता थी। पहले शिकायत, फिर टोकन और इसके बाद त्रुटि सही होती।
- प्रॉपर्टी टैक्स बिना आईडी के जमा नहीं होता। यदि किसी ने अपना मकान आधा बेच दिया और टैक्स जमा करा दिया तो डबल टैक्स जमा कराना पड़ता।
नए पोर्टल में 24 सुविधाएं होंगी, लेकिन खामियां नहीं होंगी, ऐसे दावे पर चुप्पी
पोर्टल-2 मूवी शूटिंग परमिशन भी ऑनलाइन
- मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी ने ई-नगर पालिका पोर्टल के दूसरे वर्जन के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। अब टेंडर प्रोसेस चालू होगा।
- पोर्टल से आमजन के विवाह पंजीयन, प्रॉपर्टी टैक्स, ट्रेड लाइसेंस जैसे काम होंगे तो निकायों की तकनीकी स्वीकृति के साथ आय-व्यय का ब्योरा रहेगा।
- प्रॉपर्टी का म्युटेशन और मूवी की शूटिंग की परमिशन जैसी दो सुविधाएं मिलाकर कुल 24 सुविधाएं मिलेंगी। ट्रेनिंग मॉड्यूल भी बढ़ाया है। 15 की बजाय 16 मॉड्यूल होंगे।
निगम आयुक्त बोले- पोर्टल-1 पूरी तरह से फेल रहा
भास्कर ने जब नगर निगम भोपाल आयुक्त वीएस चौधरी कोलसानी से पूछा कि पोर्टल-1 को अपग्रेड कर आखिर 200 करोड़ रु. क्यों नहीं बचा रहे? तो उन्होंने कहा कि पोर्टल-1 फेल रहा था। नगर निगम का कोई काम ढंग से नहीं हो पाया। इसलिए हम अपना पोर्टल चला रहे हैं।